प्रयागराज,18 अगस्त (वार्ता) उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से हो रही वर्षा और बैराजों से छोड़े जा रहे पानी से पिछले 24 घंटे के दौरान प्रयागराज में गंगा-यमुना नदी के जलस्तर में दो मीटर से अधिक की बढोत्तरी दर्ज की गयी है।
यमुना की सहायक नदियां केन, बेतवा और उसकी सहायक नदी थसान में बांधों से और गंगा में कानपुर बैराज से बड़ी मात्रा में लगातार पानी छोड़े जाने से दोनो नदियों का जलस्तर तेजी से खतरे के निशान की तरफ बढ़ रहा है। गंगा और यमुना के खतरे का निशान यहां 84.734 मीटर दर्ज है।
सिंचाई एवं बाढ नियंत्रण कक्ष द्वारा रविवार को आठ बजे का जारी आंकडों के अनुसार दोनो नदियों के बढ़ते जलस्तर से बढ़ रहा है। नैनी में यमुना का जलस्तर 80.74 मीटर, फाफामऊ और छतनाग में गंगा क्रमश: 80.76 और 80.11 मीटर दर्ज किया गया है।
उन्होने बताया कि पिछले 24 घंटे में नैनी में यमुना का जलस्तर 2.34 मीटर, छतनाग में गंगा 2.41 मीटर और फाफामऊ में 1.95 मीटर दर्ज किया गया है। बढ़ते जलस्तर के कारण गंगा और यमुना के किनारे बसे गांव में बाढ़ का पानी धीरे-धीरे घुसने लगा है। गंगा का जलस्तर छातनाग में 10.04 सेंटीमीटर, फाफामऊ में 8.13 सेंटीमीटर और नैनी मे यमुना लगभग 9.75 सेन्टीमीटर प्रति घंटे की गति से बढ़ रही हैं जिससे शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा धीरे-धीरे मंडराने लगा है।
जिला प्रशासन ने बाढ़ नियंत्रण कक्ष के साथ जल पुलिस और एनडीआरएफ की टीम और एसडीएम, तहसीलदार तथा अधिकारियों को अलर्ट पर रखा है। निचले इलाकों में रहने वाले बाढ़ के खतरे को भांप कर अभी से अपने सामान सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने लगे हैं।