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मौसम बाढ उप्र दो लखनऊ

प्रयागराज से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार संगम तट लेटे बड़े हनुमान जी से गंगा और यमुना का जल महज दो सेमी के फासले पर है जिसके आज रात तक गर्भगृह में प्रवेश करने के प्रबल आसार है। शाम चार बजे गंगा का जलस्तर फाफामऊ में 81.35 मीटर, छतनाग में 80.68 और नैनी में यमुना 81.33 मीटर दर्ज किया गया है। गंगा फाफामऊ में छह सेमी, छतनाग में सात सेमी और नैनी में यमुना छह सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ रही हैं।
प्रशासन ने जिला प्रशासन ने बाढ़ नियंत्रण कक्ष के साथ जल पुलिस और एनडीआरएफ की टीम और एसडीएम, तहसीलदार तथा अधिकारियों को अलर्ट पर रखा है। निचले इलाकों में रहने वाले बाढ़ के खतरे को भांप कर अपने सामान सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने लगे हैं। एनडीआरएफ की 25 लोगों की टीम तैयार की गयी है।
वाराणसी से प्राप्त जानकारी के अनुसार गंगा नदी का जलस्तर तेजी से खतरे के निशान की ओर बढ़ रहा है। घाट की तमाम सीढ़ियां पानी में डूब गई हैं। घाटों का आपसी संपर्क टूट गया है और विश्व प्रसिद्ध शाम की गंगा आरती एवं शवदाह जैसे अंतिम संस्कर मकानों की छत पर आयोजित की जा रही है।
केंद्रीय जल आयोग के सूत्रों ने बताया कि रविवार अपराह्न पांच बजे जल स्तर 67.61 दर्ज किया गया है। दिन में चार से लेकर सात सेंटीमीटर तक की बढ़ोत्तरी पांच बजे नौ सेंटीमीटर तक पहुंच गई। खतरे की चेतावनी स्तर 70.26 मीटर और खतरे का निशान 71.26 मीटर है।
जलस्तर बढ़ने से दशाश्वमेध घाट, शितला घाट, असि समेत तमाम घाटों का आपसी संपर्क टूट गया है। विश्व प्रसिद्ध शाम की गंगा आरती मकान छत पर आयोजित की गई। मणिकर्णिका एवं राजा हरिश्चंद्र घाटों पर शवदाह करन में खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। शव दाह के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। घाट की सीढ़ियां पानी में डूबने के कारण छत एवं गलियों शवदाह किया जा रहा है। गंगा में नौका चलाने वाले एवं घाट की सीढ़ियों पर पूजा एवं अन्य समाग्री की बिक्री कर अपनी जीविका चलाने वालों के सामने रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो गई है। उनका कहना है कि वे रोज कमाने-खान वालों में हैं। करीब 15 दिनों से कम लगभग बंद है, जिससे उनके सामने दो वक्त की रोटी का संकट है।
टीम प्रदीप
जारी वार्ता
गंगा में जलस्तर के बढ़ाव के मद्देनजर जिला प्रशासन सतर्क है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) को सतर्क कर दिया गया तथा ऐहतियात के तौर पर गंगा में नौका चलाने पर रोक लगा दी है। दशाश्वमेध घाट, शितला घाट एवं असि घाट समेत प्रमुख घाटों पर विशेष निगरानी की जा रही है।
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