राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Aug 20 2019 2:55PM कुशीनगर में बाढ़ से बेघर परिवार दाने-दाने के मोहताज
कुशीनगर 20 अगस्त (वार्ता) उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में बाढ़ से प्रभावित 200 से अधिक परिवार पिछले आठ सालों से खुले आसमान के नीचे गुजर बसर करने को मजबूर है। आर्थिक तंगी इस कदर है कि परिवार के सदस्य भिक्षाटन कर रहे हैं।
बाढ़ से बेघर हुए इन परिवारों के करीब 600 लोग एपी बांध पर शरण लिए हुए हैं। प्लास्टिक तानकर जैसे-तैसे एक-एक दिन गुजार रहे हैं। कुशीनगर के तमकुहीराज तहसील क्षेत्र में बड़ी गंडक नदी की धारा मौजूदा समय में अहिरौलीदान, बाघाचौर और विरवट कोन्हवलिया के एक दर्जन पुरवों से बिल्कुल सटकर बह रही है। वैसे तो यह नदी दशकों से अपना रौद्र रूप बारिश के समय में दिखाती रही है।
वर्ष 1998 के बाद नदी से सटे गांवों को बचाने के लिए तटबंध का निर्माण कराया गया था, जिसके बाद से लोग सुरक्षित जीवन गुजार रहे थे। वर्ष 2011 से नदी की धारा सुरक्षा के लिहाज से बनाए गए तटबंधों को चिरती हुई आबादी में घुसकर भारी पैमाने पर तबाही मचा रही है।
इसके बाद से साल दर साल बड़े पैमाने पर लोगों के घर नदी में विलीन हो रहे हैं। शुरुआत से ही बड़ी गंडक नदी के निशाने पर अहिरौलीदान गांव रहा है। इस गांव के कई टोलों में कहर बरपाने के बाद नदी सैकड़ों परिवारों के आशियानो को अपनी आगोश में ले चुकी है। आर्थिक रुप से मजबूत लोग तो कहीं अन्य जगह पर मकान बनाकर परिवार के साथ रहने लगे लेकिन आर्थिक तंगी के कारण पिछले आठ वर्षों से 200 से अधिक परिवारों के करीब 600 से अधिक लोग एपी बंधे पर शरण लिए हुए हैं।
सं प्रदीप
जारी वार्ता