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सैफई में रेजीडेंट डाक्टरों ने काली पट्टी बांध जताया विरोध

इटावा, 23 अगस्त (वार्ता) उत्तर प्रदेश आर्युविज्ञान विश्वविद्यालय सैफई में सातवें वेतनमान के भत्ते की सिफारिशें लागू न किये जाने को लेकर शुक्रवार को रेजिडेंट डाक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ समेत अन्य कर्मचारियों ने काली पट्टी बांध कर विरोध जताया ।
डाक्टरों और कर्मचारियों ने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार कार्य अवधि के बाद शाम 5 बजे प्रशासनिक भवन से एकजुटता दिखाते हुए फ्लैग मार्च किया जो शांतिपूर्ण तरीके से किसान बाजार होते हुए सैफई तहसील थाना पेट्रोल पंप चौराहे होते पर समाप्त हुआ।
कर्मचारियों का कहना है कि योगी सरकार ने 20 अगस्त को मंत्रिमंडल की बैठक में केजीएमयू एवं डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान लखनऊ के संकाय सदस्यों, रेजिडेंट डाक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ,नर्सिंग स्टाफ एवं अन्य कर्मचारियों को एसजीपीजीआई लखनऊ की भांति सातवें वेतन आयोग के भत्ते एक जुलाई 2017 से देने को मंजूरी दी वहीं आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफई की अनदेखी की गयी।
उन्होने कहा कि विश्वविद्यालय के अधिनियम 2015 के अध्याय 9 धारा 48 में स्पष्ट उल्लेख है कि विश्वविद्यालय में कार्यरत समस्त शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक कर्मचारियों की सेवा शर्तें योग्यताएं अनुभव वेतनमान एवं भत्ते आदि की सुविधाएं एसजीपीजीआई लखनऊ की भांति दी जाएं लेकिन सरकार ने नकारात्मक रख अपनाते हुए विश्वविद्यालय के कर्मियों को भत्ता लाभ से वंचित कर दिया गया है ।
विरोध का यह सिलसिला फिलहाल जारी रहेगा जिसके अंतर्गत 25 तारीख तक समस्त कर्मचारी काली पट्टी बांधकर विरोध करेंगे एवं उसके बाद 26 अगस्त से एक घंटे तक कार्य बहिष्कार करेंगे ।
सं प्रदीप
वार्ता
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