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बुद्ध स्थली के अटके विकास की वजह कुंभ

कुशीनगर 24 अगस्त (वार्ता) उत्तर प्रदेश में भगवान गौतम बुद्ध की निर्वाण स्थली कुशीनगर में पिछले तीन सालों से अटके विकास की वजह प्रयागराज में इसी साल सम्पन्न हुये कुंभ को ठहराया जा रहा है।
आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि बुद्ध स्थली का विकास तीन वर्ष से रुका है। इसका मुख्य कारण कुशीनगर विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण (कसाडा) के स्टांप ड्यूटी का करोड़ों रुपये कुंभ पर खर्च हो जाना है। लोगों को कुंभ पर धन खर्च होने का मलाल नहीं, लेकिन चाहते हैं कि सरकार यहां की रुकी परियोजनाओं के लिए भी किसी न किसी मद में बजट की व्यवस्था करे।
उन्होने कहा कि प्राधिकरण क्षेत्र में स्टांप ड्यूटी एवं विकास शुल्क की धनराशि से सड़क, ड्रेन, पुलिया, पार्क,लाइटिंग, पाथ-वे आदि जनहित से जुड़े कार्य होते हैं। वर्तमान में कसाडा क्षेत्र में कुशीनगर नगरपालिका समेत 257 गांव हैं। इसमें देवरिया जिले के 82 गांव भी शामिल है। कसाडा इन गांवों को सुनियोजित विकास व व्यवस्थित तरीके से मकान निर्माण सुनिश्चित करता है।
सूत्रों ने बताया कि मकान निर्माण का मानचित्र स्वीकृति करने में विकास शुल्क, भूमि की रजिस्ट्री से प्राप्त होने वाले स्टांप शुल्क की दो फीसद धनराशि कसाडा को प्राप्त होती है। यह धनराशि औसत तीन से चार करोड़ वार्षिक होती है, पर 2016 से यह धनराशि प्राधिकरण को नहीं मिल रही है। इससे मिलने वाले करीब 15 करोड़ की धनराशि कसाडा से स्थानांतरित कर दी गई है।
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट एवं कसाडा के सचिव अभिषेक पांडेय ने कहा है कि वर्ष 2016 से स्टांप ड्यूटी की रकम नहीं मिल रही है। पूरे मामले से सरकार को अवगत करा दिया गया है।
सं प्रदीप
वार्ता
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