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उत्तर प्रदेश खबर समस्या दो अंतिम जौनपुर

इस अवसर पर काशी हिंदू विश्वविद्यालय के भारत अध्ययन केंद्र के चेयर प्रोफेसर डॉ राकेश उपाध्याय ने कहा कि आज इंटरनेट के युग मे खबरों की प्रमाणिकता खतरे में है। इंटरनेट से जो संस्कृति हम भारत में लेकर सनातन काल से लेकर आए हैं उस से भ्रमित करने का प्रयास भी किया गया।
उन्होंने गांधीजी के एक उदाहरण को उल्टा करते हुए कहा कि अब की पत्रकारिता अब बुरा दिखाओ बुरा सुनाओ अब बुरा बताओ की पद्धति चल रही है।इस से बचने की जरूरत है। समाज की भी एक सीमा है। इंटरनेट पर आने वाली खबरों में फेक न्यूज़ के चलते अब विश्वास मर गया है।
प्रो उपाध्याय ने कहा कि मानवीयता के परिपेक्ष में जीवन में मूल्य भटक गए हैं। दिशा भ्रमित हो गई है। भविष्य में विश्व का मार्ग क्या है यह कोई बता नहीं सकता। आज की व्यवसायिक दुनिया ने समाज को घातक बना दिया है। व्यवसाय से विश्व का मार्गदर्शन नहीं हो सकता। सत्य व्यवसाय हो नहीं सकता। उन्होंने कहा की राजनीतिक में लोक कल्याण की बात को अब नहीं माना जाता हम अपना कल्याण ही राजनीति का विषय वस्तु बना चुके है।
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में जनसंचार विभाग के अध्यक्ष डॉ मनोज मिश्र ने कहा कि मीडिया में प्रकाशित खबरें विज्ञान विधि पर आधारित होती है ।उन्होंने कहा कि जिसमे जिज्ञासा,जानकारी इकट्ठा करना,विश्लेषण-सत्यापन के बाद खबरों का प्रकाशन होता है। फेक न्यूज में इस सिद्धांत का कोई पालन नही होता।इसलिए ऐसी खबरें हमें शर्मसार करती हैं।
सं प्रदीप
वार्ता
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