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अपराध-एसटीएफ गिरफ्तार दो अंतिम लखनऊ

श्री मिश्र ने बताया कि पकड़े गये आरोपी ने बताया कि राजा पाण्डेय द्वारा विजय पाण्डेय पर विमल की हत्या में गवाही न देने का दबाव बनाया जाने लगा। जेल से जमानत पर बाहर आने के बाद राजा पाण्डेय ने विजय पाण्डेय के पिता को धमकी देने के साथ-साथ काफी बेइज्जत भी कर दी थी। यह बात विजय पाण्डेय को काफी नागवार गुजरी और इसी का बदला लेने के लिये विजय पाण्डेय और उसने मिलकर राजा पाण्डेय को जान से मारने की नियत से गोली मार दी थी, जिसमे वह बच गया था। इस घटना के बाद विजय पाण्डेय की धाक पूरे इलाके मे जम गयी और उसने इलाके मे जमीन पर अवैध कब्जा करना, बालू व पत्थर के ठेकेदारो से रंगदारी वसूलना एंव लोगों को धमकी देकर अवैध वसूली का काम शुरु कर दिया था।
उन्होंने बताया कि उसके बाद राजा पाण्डेय जब अस्पताल से ठीक होने के बाद अपने गाँव मे आया तो उसने भी इलाके में अवैध वसूली करना चाहा । विजय पाण्डेय व राजा पाण्डेय में इसी बात को लेकर वर्चस्व की लड़ाई चलने लगी और वे एक दूसरे को जान से मारने पर आमादा थे। इसी क्रम में राजा पाण्डेय ने एक दिन अपने साथियों के साथ विजय पाण्डेय को मारने के लिए उसके घर पहुॅच गया जहाॅ विजय पाण्डेय को न पाकर उसके पिता लालता प्रसाद पाण्डेय की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
दिनेश ने बताया कि राजा पाण्डेय ने अपने साथी शिवा कुश्वाहा उर्फ विपिन कुमार पुत्र लालजी कुश्वाहा तथा बजरंगी पटेल के साथ उसपर जानलेवा हमला किया था। हमले में वह बाल-बाल बच गया था और इस हमले में मुखबीरी मेरे गांव के पटिदार कौशलेश कुमार यादव ने की थी। इसी बात को लेकर दिनेश ने अपने साथी पप्पू उर्फ रामबाबु यादव, अजय यादव उर्फ नेबुलाल , विनोद यादव के साथ मिलकर कौशलेश की गोली मारकर हत्या कर दी थी। उसने बताया की वे लोग विजय पाण्डेय का इन्तजार कर रहे थे, जो अभी गाड़ी से आने ही वाला था। विजय पाण्डेय के कहने पर दिनेश यादव के साथ मिलकर शिवा कुश्वाहा और उसके साथियों की हत्या करने वाले थे। बरामद असलहा व कारतूस विजय पाण्डेय द्वारा ही उपलब्ध कराया गया था। गिरफ्तार आरोपियों को अदालत में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया है।
त्यागी
वार्ता
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