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उप्र में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर 29 अगस्त को बच्चों खिलाई जायेगी दवा

लखनऊ, 27 अगस्त (वार्ता) बच्चों में कृमि संक्रमण से जुड़ी जन स्वास्थ्य समस्या से बचाव के लिए उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा 29 अगस्त को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का आयोजन किया जा रहा है।
यह कार्यक्रम स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, शिक्षा विभाग (बेसिक), माध्यमिक शिक्षा विभाग, पंचायती राज विभाग, प्रशिक्षण एवं सेवायोजन, प्राविधिक शिक्षा, स्टेट मेडिकल फैक्लटी, स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम) एवं अन्य विभागो के संगठित प्रयासों और एविडेंस एक्शन के सहयोग से संचालित किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने इस बार 5.19 करोड़ बच्चों को कृमि मुक्त किये जाने का लक्ष्य रखा गया है।
राज्य के मिशन निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन पंकज कुमार ने मंगलवार को यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत प्रदेश के चयनित 57 जिलों आगरा, फिरोजाबाद, अलीगढ़, मथुरा, कांसगंज, एटा, मैनपुरी, हाथरस, पीलीभीत, बरेली, सम्भल, रामपुर, मुरादाबाद, बिजनौर, शाहजहांपुर, अमरोहा, बदायॅू, जालौन, बांदा, हमीरपुर, चित्रकुट, झाॅसी, ललितपुर, महोबा, बाराबंकी, बलरामपुर, बहराइच, गोंडा, अयोध्या, अमेठी, अम्बेडकरनगर, श्रावस्ती, गोरखपुर, कुशीनगर, सिद्धार्थनगर, देवरिया, बस्ती, संतकबीरनगर, महाराजगंज, कानपुर नगर, लखनऊ, गाजियाबाद, बुलन्दशहर, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बागपत, शामली, मेरठ, हापुड़, गौतमबुद्ध नगर, सोनभद्र, भदोही, वाराणसी, आजमगढ़, जौनपुर, मऊ, एवं बलिया) के सभी स्कूल और आंगनवाड़ी में एक से 19 साल तक के सभी बच्चों और किशोरों को अल्बेंडाजोल की दवाई खिलाकर कृमि मुक्त किया जाऐगा।
उन्होंने बताया कि अनुपस्थिति या बीमारी के कारण जिन बच्चों को 29 अगस्त को दवाई नहीं खिलाई जा सकेगी उन्हें 30 अगस्त से 4 सितम्बर माॅप-अप सप्ताह के दौरान एल्बेंडाजोल की दवाई खिलाकर कृमि मुक्त किया जायेगा।
श्री पंकज कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य प्रदेश में सभी बच्चों और किशोर-किशोरियों के स्वास्थ्य एवं पोषण सम्बन्धी स्थिति और संज्ञानात्मक विकास तथा जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए उन्हें कृमि मुक्त करना है। आम तौर पर देखा गया है कि कृमि संक्रमण का बच्चों के स्वास्थ्य और समग्र विकास पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। भारत में 22 करोड़ से भी अधिक बच्चों को कृमि संक्रमण का खतरा है, साथ ही भारत में कृमि संक्रमण और इससे संबन्धित रोग भी अधिक पाए जाते हैं। उन्होंने बताया कि कृमि संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण के लिए अल्बेंडाजॉल (400 मि.ग्रा) दवाई का सेवन एक सुरक्षित, लाभदायक एवं प्रभावी उपाय है।
मिशन निदेशक ने जानकारी दी कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के प्रथम चरण में उत्तर प्रदेश के चयनित 57 जनपदो के सभी सरकारी व निजी स्कूलों, आईटीआई पाॅलीटक्निक एवं पैरामेडिकल संस्थाओं और स्कूल न जाने वाले बच्चों को कार्यक्रम में सम्मिलित किया जाऐगा ताकि राज्य के सभी बच्चों को कृमि मुक्ति के उपचार का लाभ मिल सके। स्कूल न जाने वाले बच्चों को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर आशा द्वारा आंगनवाडी केन्द्र पर कृमि नियंत्रण की दवाई खाने के लिए आने को प्रेरित किया जायेगा। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर स्कूलों एवं अन्य के शैक्षिणिक संस्थाओं में पूर्ण उपस्थिति सुनिश्चित करने हेतु विशेष प्रयास किये जायें जिससे अधिक से अधिक बच्चों का कवरेज संभव हो सके। इस बार 5.19 करोड़ बच्चों को कृमि मुक्त किये जाने का लक्ष्य है।
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस की तैयारी के लिए राज्य सरकार ने भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार बच्चों को दवा खिलाने के लिए 1.92 लाख शिक्षकों और 1.35 लाख आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं सवा लाख आशाओं और 16379 ए.एन.एम. को प्रशिक्षित किया गया है।
कृमि नियंत्रण की दवाई सभी के लिए सुरक्षित है, लेकिन गंभीर कृमि संक्रमण वाले बच्चाें में यह दवाई खाने पर कुछ मामूली प्रतिकूल घटना (साइड इफेक्ट्स) हो सकते हैं जैसे कि जी मिचलाना, पेट में हल्का दर्द, उल्टी, दस्त, और थकान आदि। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुरूप गंभीर प्रतिकूल घटना पर सभी स्तर के अधिकारियों एवं चिकित्सालयों को इसके लिए तैयार किया गया है।
त्यागी
वार्ता
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