लखनऊ, 29 अगस्त (वार्ता) उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा कि जो पाठ शिक्षा नहीं सिखा पाती वह खेल का मैदान सिखा देता है।
श्रीमती पटेल ने बृहस्पतिवार को यहां राजभवन में राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर वीर बहादुर सिंह पूर्वान्चल विश्वविद्यालय, जौनपुर, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी तथा डाॅ0 राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, अयोध्या के खिलाड़ियों को राष्ट्रीय खेलकूद प्रतियोगिता में प्रतिभाग कर स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदक प्राप्त करने पर सम्मानित किया।
इस मौके पर उन्होंने मेजर ध्यानचन्द को श्रद्धांजलि अर्पित की और नवोदित खिलाड़ियों को बधाई देते हुए कहा कि व्यायाम एवं खेल से शारीरिक तथा शिक्षा एवं चिन्तन मनन से व्यक्ति का मानसिक विकास होता है। कहा भी जाता है कि ‘स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है।’ छात्र जीवन में केवल खेलते या पढ़ते ही नहीं रहना चाहिए, अपितु जीवन का एक उद्देश्य होना चाहिए ‘खेलने के समय खेलना और पढ़ने के समय पढ़ना।’ जो पाठ शिक्षा नहीं सिखा पाती वह खेल का मैदान सिखा देता है।
श्रीमती पटेल ने कहा कि खेलते समय अनुशासन में रहना, नेतृत्व की आज्ञा का पालन करना, खेल में जीत के समय उत्साह, हारने पर सहिष्णुता तथा विरोधी के प्रति प्रतिरोध का भाव न रखना, अपनी असफलता का पता लगने पर जीतने के लिए पुनः प्रयत्न करना, यह सब खेल ही सिखाता है। उन्होंने कहा कि खेलकूद प्रतियोगिता के आयोजन सभी विश्वविद्यालयों में होने चाहिए, इससे देश को नई प्रतिभाएं मिलेंगी।
राज्यपाल ने कहा कि खिलाड़ियों ने जैसे अपनी प्रतिभा के आधार पर पदक प्राप्त किये हैं उसी प्रकार देश के योग्य और जिम्मेदार नागरिक बनें। नये भारत के निर्माण में युवाओं की प्रमुख भूमिका है। उन्होंने कहा कि छोटे-छोटे प्रयास से बड़ी से बड़ी समस्याओं का समाधान हो सकता है।