लखनऊ, 12 सितम्बर (वार्ता) उत्तर प्रदेश में लखनऊ के नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान (चिड़ियाघर) में स्थित
मछलीघर के समुद्री एक्वेरियम में गुरुवार को रखी गई तीन सैण्ड स्टार फिश,दो नये रंग के एनीमोन एवं नीली रंग की
डैमासेल मछली दर्शकों के आकर्षण का केन्द्र रही।
प्राणि उद्यान के निदेशक आर के सिहं के अनुसार सैण्ड स्टार फिश- स्टर फिश असल में मछली न होकर एनीमल है जिन्हें (अकेशेरूकी) कहते हैं। तीन नयी स्टार फिश के साथ अब प्राणि उद्यान में कुल छह स्टार फिश हो गयी
हैं। सैण्ड स्टार फिश बहुत ही आक्रामक होती है,कभी-कभी यह जिंदा मछली को भी पकड़ कर खा जाती है। इनकी अधिकतम आयु 10 वर्ष होती है।
उन्होंने बताया कि इनका मुख्य मोजन माइक्रो एलमी है। यह समुद्री तल पर मरे जीव, मछली इत्यादि खा कर पानी को साफ रखती हैं। चीन सहित कई देशों में ये खायी भी जाती है। एनीमोन-मछलीघर में आज दो कारपेट एनीमोन
रखी गयी हैं। अब एक्वेरियम में कुल 03 एनीमोन मछली हो गयी हैं। समुद्री जल में रहने वाली यह एनीमोन मरीन जीव हैं। यह मछली की श्रेणी में न होकर एनीमल की श्रेणी में आती हैं। फूल जैसी दिखने वाली एनीमोन बहुत ही खतरनाक और जहरीले होते हैं। यदि कोई मछली इनके करीब आ जाये तो उसे अपनी ओर खींच लेती है और पलक छपकते ही
खा जाते हैं। इन्हें सप्ताह में दो बार मरी मछली खाने को दी जाती है। इनके नाक, कान, आंख नहीं होता है। इनकी गति बहुत ही धीमी होती है। ऐसे जीव छात्र-छात्राओं के लिए आकर्षण का केन्द्र होते हैं।
श्री सिंह ने बताया कि ब्लू डैमसिल-समुद्री दुनिया में नीले रंग की बस कुछ गिनी-चुनी प्रजाति है जिसमें इण्डियन ओशियन की गर्म जल धारा में पायी जाने वाली यलो टेल ब्लू डैमसिल भी आज मछली घर में रखी गयी है। अब कुल 07
मछली एक्वेरियम में हैं। नीले रंग की होने के कारण यह बहुत ही आकर्षक होती है। ये -झुण्ड बनाकर शिकार करती हैं और बहुत ही छोटे जीव को पकड़ कर खाती है।
इसके साथ ही पहले से मौजूद लाॅयन फिश दर्शकों को आकर्शित कर रही है। इसके पूरे शरीर पर टेंरिकल होती है जो जहरीले होते हैं। यह अगर किसी को चुभ जाये तो उसकी मृत्यु भी हो सकती है। ये प्रतिदिन दो जिंदा मछली खाती है।
त्यागी
वार्ता