प्रयाजराज,15 सितंबर (वार्ता) मध्य प्रदेश में लगातार बारिश होने के कारण केन और बेतवा नदियों के अलावा कानपुर और नरौरा बैराज से छोड़े गये पानी के कारण प्रयागराज में गंगा और यमुना खतरे के निशान करीब पहुंच गई हैं।
सिंचाई विभाग बाढ खंड के अनुसार रविवार को दोनों नदियों का जलस्तर फाफामऊ में गंगा 83.78 मीटर, छतनाग 82.04 मीटर और नैनी में यमुना 83.65 मीटर पर है जबकि शानिवार को फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 83.07 मीटर, छतनाग में 82.32 मीटर और नैनी में यमुना 82.96 मीटर पर था।
उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटे के दौरान गंगा फाफामऊ और छतनाग में 71-72 सेंटीमीटर तथा नैनी में यमुना 69 सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रही थी। दोनों नदियों को जलस्तर लगातार बढ़ रहा है।
गंगा और यमुना का जलस्तर बढ़ने से दारागंज, कीडगंज, गऊघाट, छतनाग आदि घाट पर मलल्लाहो की अनेक नाव गंगा की भेंट चढ़ गई। बांध के नीचे तीर्थ पुरोहितो की चौकी भी बाह गई। बाढ़ के खतरे को देखते हुए निजी नावो के संचालन पर रोक लगा दी गई है। नदी में नहाने वालो को सतर्कता बरतने के साथ एक निर्धारित सीमा से आगे नहीं जाने का निर्देश दिया गया है। बाढ़ के कारण किसानों की फसल भी बाढ़ की भेट चढ़ गई।
जल प्राभारी निरीक्षक कड़े दीन ने बताया कि प्राइवेट और पुलिस के गोताखोर स्टीमर से लगातार भ्रमण कर रहे है। घाट किनारे स्नानार्थियों को निर्धारित सीमा से आगे नहीं जाने दिया जा रहा है।
जलस्तर बढ़ने के कारण तीर्थ पुरोहितों को अपने तखत को घाट से हटा कर परेड में लगाना पड़ा है।
दिनेश त्यागी
वार्ता