राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Sep 16 2019 8:28PM राष्ट्रीय-जल संकट दो गोरखपुरश्री शेखावत ने कहा कि भारत में जल का इतना बड़ा संसाधन होते हुए भी आने वाले समय में 60 करोड़ आबादी को पीने के पानी का संकट होगा। उन्होंने इजरायल का जिक्र करते हुए कि इजरायल का दो तिहाई हिस्सा रेगिस्तान हैलेकिन-वाटर हारवेस्टिंग तथा जल का पूर्ण रूप से प्रयोग करके एवं ड्रीप सिंचाई के माध्यम का प्रयोग करके आज इजरायल का रेगिस्तानी हिस्सा सब्जी उत्पादन का बड़ा केन्द्र बना है और सब्जियों तथा पीने के पानी का निर्यात किया है। सिंगापुर में गटर के पानी को रिसाईकिल करके पीने के प्रयोग में लाया जाता है। प्रकृति ने हमें सभी देशो से अलग किया।उन्होंने कहा कि यदि हम सही तरीके से प्रबंधन करें तो जल संकट को टाला जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयास से जो ड्राक जोन हैं उनका मैपिंग करके भू-गर्भ जल के स्तर को बढ़ाने की योजना का कार्य हो रहा है। नहाने में, दाढ़ी बनाने में, कपड़ा धोने में यदि हम जल संरक्षण करें तो काफी हद तक मदद हो सकती है। फर्म में पानी बचाने के साथ-साथ खेतो में भी पानी कैसे बचे इसकी भी चिंता करें। ऐसे फसलों को बोयें जिसमें कम पानी लगता है तो खेती में प्रयोग होने वाले पांच प्रतिशत पानी को बचा सकते है। श्री शेखावत ने कहा कि हरियाणा में धान के स्थान पर मक्के की खेती पर सरकार जोर दे रही है। भारत सरकार शहर के गन्दे पानी को तथा भू-गर्भ जल को राष्ट्रीय सम्पत्ति घोषित किया है। पानी को उपचारित करके जमीन में समाहित करने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। महाराष्ट्र में 80 प्रतिशत जल गन्ना की सिंचाई में प्रयोग होता है। वहां की सरकार ने जल संरक्षण के लिए गन्ने के खेतों में ड्रीप सिंचाई अनिवार्य कर दी है। सन्तो के नेतृत्वों में जल समस्या का समाधान होसकता है और संत समाज को जल संरक्षण के लिए आगे आकर काम करना होगा। सरकार तो अपना प्रयास कर रही है लेकिन जबतक आम जनमानस की भावना इससे नहीं जुड़ेगी तब तक सफलता पूर्ण नहीं होगी।उदय त्यागीजारी वार्ता