राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Sep 17 2019 7:00PM उत्तर प्रदेश-योगी राष्ट्र रक्षा तीन गोरखपुरवसूदेवाचार्य ने कहा कि इस मठ के पीठाधीश्वर महन्त योगी आदित्यनाथ आज राजनीति और धर्म के एकाकार होने के यदि प्रतिमान बने हैं तो उसका श्रेय महन्त दिग्विजयनाथ एवं राष्ट्रसन्त महन्त महन्त अवेद्यनाथ उन दृढ़ संकल्पों को जाता है जहां उन्होंने राष्ट्रधर्म को ही धर्म माना। उन्होंने कहा कि भारत का विकास हिन्दुत्व के वैचारिक अधिष्ठान पर ही सम्भव है। आजाद भारत का पुनर्निमार्ण उसकी संास्कृतिक विरासत पर ही करना होगा तभी स्वाभिमानी, स्वावलम्बी और सम्प्रव भारत खड़ा होगा। उन्होंने कहा कि महन्त अवेद्यनाथ ने जनअभियान चलाकर महन्त दिग्विजयनाथ के वैचारिक अधिष्ठान कोजनान्दोलन बना दिया गया और गोरक्षपीठाधीश्वर महन्त योगी आदित्यनाथ आज उसी जनान्देालन के प्रतिफल है। धारा 370 और 35 ए हटाकर केन्द्र की मोदी सरकार ने देश को एक करने में बड़ा काम किया है यह दोनों पूज्य महाराज के लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी। इस अवसर पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री साध्वी उमा भारती ने कहा कि वर्तमान युग में साधु-सन्तों को मठ-मन्दिरोंसे बाहर निकालकर देश और समाज के लिए काम करने का मार्ग इस पीठ ने दिखाया। मोदी-योगी देश के विकास पुरूष है। ये दो व्यक्ति नहीं बल्कि राष्ट्र के वैचारिक अधिष्ठान के प्रतिकूल है। इस पीठ के पीठाधीश्वरों को जन और धन का जीतना व्यापक समर्थन मिला उतना शायद ही किसी पीठ को मिला हो लेकिन उस व्यापक जन समर्थन को इस पीठने राष्ट्र और समाज के हित में समर्पित कर दिया। इस पीठ के पीठाधीश्वर आध्यामिक परम्परा एंव ऊर्जा के प्रतिनिधि हैं। इस मौके भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने कहा कि स्वतंत्रता संघर्ष में आध्यात्मिक शक्ति का जागरण करने में महन्त दिग्विजयनाथ की अत्यन्त महत्वपूर्ण भूमिका रहीं है। आध्यात्मिक राष्ट्रवाद का आह्वान राष्ट्रधर्म बन गया। आध्यात्मिक राष्ट्रवाद के साथ इस पीठ के पीठाधीश्वरों ने कभी समझौता नहीं किया। पीठाधीश्वरों के शरीर बदले, लेकिन प्राण और आत्मा वहीं रही जिसका प्रमाण है कि महन्त अवेद्यनाथ और अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रखर राष्ट्रवाद के ध्वजवाहक बनें। सत्ता के इस षड्यंत्रों को इस पीठ ने डटकर सामना किया और भारत कि उस सन्यासी परम्परा को आगे बढ़ाया जो अपने वैचारिक अधिष्ठान के लिए ही जीती-मरती है।उदय त्यागीजारी वार्ता