राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Sep 18 2019 7:27PM उत्तर प्रदेश-योगी पुर्नप्रतिष्ठा युग दो गोरखपुरगोरक्षपीठाधीश्वर योगी ने कहा कि उनके गुरू महन्त अवेद्यनाथ समन्वय,सहनशीलता, संस्कार, प्रखर-राष्ट्रभक्ति, समाज सेवा की प्रतिमूर्ति थे। गोरखनाथ मन्दिर के स्वरूप का जो खाका महन्त दिग्वजयनाथ ने तैयार किया,महन्त अवेद्यनाथ ने उसे पूर्ण किया। शिक्षा, स्वास्थ्य को सेवा का साधन बनाकर इस पीठ ने जन सेवा को ही भगवान की सेवा मानकर कार्य किया है। 48 शिक्षण-प्रशिक्षण, स्वास्थ्य एवं सेवा के संस्थान गोरखनाथ मन्दिर द्वारा संचालित है। उन्होंने कहा कि महन्त अवेद्यनाथ ने भारतीय सनातन धर्म एवं संस्कृति में प्रतिष्ठित धर्म-स्थलों की भूमिका को वर्तमान युग में साक्षात् प्रस्तुत किया। गोरखपुर में आज बायोफ्यूल प्लांट के शिलान्यास की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि गोशालाओं से, शहर से, खेत से सभी जगह से निकलने वाले कचड़ो से अब ईधन बनाया जायेगा। गायों के पास उर्जा का असीम भण्डार है और उनके गोबर का विशेष उपयोग बायोफ्यूल प्लांट में किया जायेगा। उन्होंने कहा कि गोरक्षपीठ के दोनो पूर्व आचार्यों ने जैसा जीवन जिया था और समाज को जिस तरह प्रेरणा प्रदान की थी। आज भी गोरक्षपीठ उसका पूरा का पूरा पालन कर रही है। उन्होंने कहा कि जितने कल्याणकारी कार्यक्रम गोरक्षपीठ द्वारा चलाये जाते है वे सब भारत की सनातन धर्म की परम्पराओं का हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत की सांस्कृतिक राष्ट्रीयता अपना स्पष्ट आकार ले रही है। उन्होंने भारत के ऋषि परम्परा के प्रसार के योग को अन्तर्राष्ट्रीय मान्यता दिलाई। भारत की सनातन कुम्भ की परम्परा को युनेस्को द्वारा दुनियां की अमूल्य सांस्कृतिक धरोहर की मान्यता दिलाई है। आयुष्मान भारत के अन्तर्गत देश के 50 करोड़ गरीब परिवारों को एक वर्ष में 5 लाख रूपये की निःशुल्क चिकित्सा की सुविधा उपलब्ध कराने का अद्वितीय निर्णय लिया है यह दुनिया की सबसे बड़ी चिकित्सा योजना है। चार करोड़ परिवारों को विद्युत कनेक्शन दिये गये है। करोड़ो परिवारोंको आवास उपलब्ध करा दिये गये है। श्री योगी ने कहा कि यह बदलते भारत की वहीं तस्वीर है जिसकी परिकल्पना हिन्दुव और राष्ट्रीयता के प्रबल पक्षधर मेरे गुरूदेव महन्त अवेद्यनाथ किया करते थे। सन्त-महात्मा और देश की जनता रामराज्य को चरितार्थ करने के लिए सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर चले, सरकार अपना काम प्रारम्भ कर चुकी है। राम को रोटी से जोड़कर हर गरीब को रोटी, आवास, कपड़ा, दवाई, बिजली, पानी और सुरक्षा जैसे मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना ही होगा तभी रामराज्य आ सकता है। गोरक्षपीठाधीश्वर ने कहा कि उनके गुरू महन्त अवेद्यनाथ अपने जीवन के अन्तिम क्षण तक अनेक राष्ट्रीय, सामाजिक एवं सांस्कृतिक आन्दोलन से जुड़े रहे और वे कहा करते थे कि समाज में यदि छुआछूत पाप नहीं है तो कुछ भी पाप नहीं है। भारत को महाशक्ति बनने के लिए अपनी सामाजिक विकृतियों से मुक्ति पानी होगी। सामाजिक सामूहिकता के बल पर ही राष्ट्रशक्ति खड़ी की जा सकती है। इस युग में सामाजिक समरता के वे अग्रदूत थे। उन्होंने कहा कि मैं हिन्दू समाज को यह आश्वस्त करता हूॅ कि श्रीगोरक्षपीठ की राष्ट्र रक्षा का मंत्र हमारे जीवन का मंत्र है। हिन्दू समाज की सेवा और जिन आदर्शो एवं मूल्यों को महन्त दिग्विजयनाथ एवं मेरे गुरूदेव महन्त अवेद्यनाथ ने स्थापित किया है उनके प्रति गोरक्षपीठ सदैव समर्पित रहेगा और हम उसे आगे बढ़ाते रहेंगे। सामाजिक एकता के माध्यम से राष्ट्रीय एकता के गुरूदेव सदैव पक्षधर थे। बृहद हिन्दू समाज की एकता ही उनकी सांसारिक उद्देश्य की साधना थी और श्रीगोरक्षपीठ इसे मंत्र मानकर आगे बढ़ता रहेगा।उदय त्यागीजारी वार्ता