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उत्तर प्रदेश-मंत्रिपरिषद निर्णय दो लखनऊ

मंत्रिपरिषद ने जौनपुर जिले में नवस्थापित मेडिकल काॅलेज को स्वशासी माध्यम से संचालन के लिए सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम-1860 के तहत सोसाइटी गठित करने का निर्णय लिया है। साथ ही, स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय के निमित्त सोसाइटी गठन के मेमोरेण्डम व बायलाॅज को अनुमोदित कर दिया है।
गौरतलब है कि जौनपुर में मेडिकल काॅलेज के निर्माण कार्य के लिए शासनादेश 12 जनवरी, 2015 द्वारा प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई। निर्माण कार्य प्रगति पर है। मेडिकल काॅलेज के लिए प्रधानाचार्य एवं शैक्षणिक संवर्ग के 47 पदों का सृजन किया जा चुका है तथा गैर-शैक्षणिक संवर्ग पदों के सृजन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। सोसाइटी के गठन से मेडिकल काॅलेज, जौनपुर के स्तर पर निर्णय की स्वायत्तता में वृद्धि होगी तथा स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप निर्णय लेने में लचीलापन आएगा। मेडिकल काॅलेज, जौनपुर को स्वायत्तता मिलने से शिक्षकों को नवस्थापित मेडिकल काॅलेज, जौनपुर में कार्य करने हेतु आकर्षित किया जा सकेगा।
इसके अलावा मंत्रिपरिषद ने कुशीनगर में राजकीय मेडिकल काॅलेज की स्थापना के लिए भूमि को चिकित्सा शिक्षा विभाग को निःशुल्क हस्तान्तरित किये जाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। मेडिकल काॅलेज की लागत 325 करोड़ रुपये प्रस्तावित है। केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा उक्त धनराशि 60ः40 के अनुपात में वहन की जाएगी। इस
मेडिकल काॅलेज की स्थापना से न केवल कुशीनगर के निवासियों को चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध होगी अपितु निकटवर्ती जिलों के निवासियों को भी उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधा का लाभ होगा। इससे बीआरडी मेडिकल काॅलेज, गोरखपुर पर दबाव कम होगा।
मंत्रिपरिषद ने प्रदेश में खादी कार्यक्रम को बढ़ावा देने तथा अधिक से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की दृष्टि से चालू वित्तीय वर्ष 2019-20 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयन्ती के अवसर पर 02 अक्टूबर से 31 दिसम्बर तक खादी वस्त्रों की फुटकर बिक्री पर 05 प्रतिशत की विशेष छूट दिए जाने का निर्णय लिया है। निर्णय से
खादी संस्थाओं द्वारा स्वयं के स्रोत से 20 प्रतिशत छूट ग्राहकों को दिए जाने पर और 05 प्रतिशत की विशेष छूट फुटकर बिक्री पर दिए जाने से समेकित रूप से 25 प्रतिशत तक की छूट आम जनता को प्राप्त होगी।
मंत्रिपरिषद ने बेसिक शिक्षा विभाग के तहत समस्त निदेशालयों व उनके अधीन कार्यरत अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर कार्यकारी, प्रशासनिक एवं वित्तीय नियंत्रण (जो शासन द्वारा समय-समय पर प्रतिनिधानित किये जाएंगे) तथा बेसिक शिक्षा विभाग में संचालित महत्वपूर्ण योजनाओं के त्वरित गति से क्रियान्वयन, प्राथमिक शिक्षा के स्तर में गुणात्मक सुधार एवं शिक्षकों की दक्षता के लिए महानिदेशक, स्कूल शिक्षा (डीजीएसई) का पद सृजित करते हुए इस पद पर भारतीय प्रशासनिक सेवा के सचिव स्तर से अनिम्न/राज्य परियोजना निदेशक, समग्र शिक्षा अभियान के समकक्ष स्तर के अधिकारी को तैनात किये जाने सम्बन्धित प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है।
इस निर्णय के अनुसार बेसिक शिक्षा विभाग के प्रशासनिक नियंत्रणाधीन पांच निदेशालयों क्रमशः शिक्षा निदेशक (बेसिक), निदेशक साक्षरता, वैकल्पिक शिक्षा, उर्दू एवं प्राच्य भाषाएं, राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा अभियान, निदेशक मध्यान्ह् भोजन प्राधिकरण एवं निदेशक राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद सहित सचिव बेसिक शिक्षा परिषद, प्रयागराज एवं परीक्षा नियामक प्राधिकारी, प्रयागराज पर प्रभावी प्रशासनिक नियंत्रण तथा विभाग में संचालित महत्वपूर्ण योजनाओं को त्वरित गति से संचालन एवं प्राथमिक शिक्षा के स्तर में गुणात्मक सुधार महानिदेशक, स्कूल शिक्षा (डीजीएसई), जो भारतीय प्रशासनिक सेवा के विशेष सचिव के स्तर से अनिम्न/राज्य परियोजना निदेशक, समग्र शिक्षा अभियान के समकक्ष स्तर का अधिकारी होगा, के द्वारा किया जाएगा।
त्यागी
जारी वार्ता
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