राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Sep 27 2019 4:52PM इटावा सफारी पार्क में शेरों को संक्रमण से बचाने के लिये मोबाइल फोन पर प्रतिबंध
इटावा, 27 सितंबर(वार्ता)उत्तर प्रदेश के इटावा सफारी पार्क में गुजरात से लाये गये शेरो को संक्रमण से बचाने के लिये एनीमल हाउस के आसपास किसी भी बाहरी व्यक्तियों की आवाजाही तथा मोबाइल फोन का प्रयोग वर्जित कर दिया गया है ।
इटावा सफारी पार्क के निदेशक वी.के.सिंह ने शुक्रवार को यहॉ बताया कि गुजरात से लाये गये शेरो के आसपास अधिकृत डाक्टर और कीपरों को जाने की इजाजत दी गई है। इसके अलावा अन्य लोगों की आवाजाही को पूरी तरह से प्रतिबंधित किया गया है। डाक्टर और कीपर भी इस इलाके मे मोबाइल फोन का प्रयोग नही कर पायेगे। उन्होंने बताया कि
गुजरात से लाये गये सात शेरों व सावकों को अलग-अलग एनीमल हाउस में रखा गया है।
श्री सिंह ने बताया कि गुजरात के जूनागढ़ से सड़क मार्ग से 1400 किलोमीटर का सफर करके आए शेर पूरी तरह स्वस्थ हैं। यहां लाकर शेरों को ब्रीडिंग सेंटर से दो किमी दूर एनीमल हाउस में रखा गया है। सभी अलग-अलग बाड़े में हैं। दो एनीमल हाउस की दूरी भी करीब एक किलोमीटर की है ताकि शेरों को संक्रमण न हो । देखभाल के लिए पांच जू कीपरों की टीम लगी है। इन शेरों में से चार को कुछ माह बाद गोरखपुर में बन रहे अशफाक उल्ला प्राणिउद्यान में भेजा जाएगा।
उन्होने बताया कि गुजरात से लाए गए शेरों के इस कुनबे में पांच शेरनी व दो शेर हैं । इनमें सबसे बड़ी शेरनी तेजस्विनी 15 वर्ष की है। इसके बाद 13 वर्ष की मरियम, सात वर्ष की जेनिफर, एक वर्ष दस माह की राधा व शेरनी माहेश्वरी की दो वर्षीय बेटी है। शेर तौकीर नौ वर्ष का जबकि शेरनी माहेश्वरी का बेटा दो वर्ष का है। इटावा सफारी पार्क में रह रही शेरनी जेसिका की बेटी जेनिफर भी इस कुनबे में साथ लौट आई है। जेनिफर दो बार गुजरात में बच्चों को जन्म दे चुकी है।
श्री सिंह ने बताया कि गुजरात से बुधवार की देर शाम इटावा सफारी पहुंचे शेरों को यहां के माहौल में ढालने की कवायद की जा रही है। इन नए मेहमानों की खातिरदारी में सफारी प्रशासन जुट गया है।
सं भंडारी
वार्ता