राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Oct 14 2019 7:32PM पुष्पेन्द्र मामले की जांच उच्च न्यायालय के न्यायाधीश करें : अखिलेश
लखनऊ 14 अक्टूबर (वार्ता) समाजवादी पार्टी (सपा) ने अखिलेश यादव ने पुष्पेन्द्र यादव मुठभेड़ मामले की जांच उच्च न्यायालय के न्यायाधीश से कराने की मांग की है।
श्री यादव ने सोमवार को कहा कि झांसी के नौजवान की फर्जी एनकाउण्टर में हत्या पर पुलिस और सरकार का रवैया पूरी तरह संवेदनहीन बना हुआ है। तीन महीने पहले ही उसका विवाह हुआ था। उसकी पत्नी बेहाल है, उसके भविष्य पर अंधेरा है। पुष्पेन्द्र की दादी की मौत दो दिन पहले सदमें में हो गई। पूरा परिवार गहन शोक के साथ दहशत में भी है। उसे आज तक न्याय नहीं मिला है। क्षेत्र की जनता में भी भारी आक्रोश है। सरकार इस जघन्य अपराध पर पर्दा डालने की साजिश में जुटी है जबकि उसे इस मामले की जांच उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश से कराना चाहिए।
उन्होने कहा कि पुष्पेन्द्र यादव की पांच अक्टूबर को हत्या हुई थी जबकि नौ अक्टूबर को वह उसके परिवार को ढांढ़स बंधाने नेशनल हाइवे से 20 किलोमीटर दूर गांव करगुआ खुर्द गये थे।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि झांसी दौरे से एक बार फिर उन्हे बुन्देलखण्ड के जनजीवन की त्रासदी से दोचार होना पड़ा। बुन्देलखण्ड में बारिश के कारण फसलों का भारी नुकसान हुआ है। तिल, दलहन, मोठ की फसले बर्बाद हो गई हैं। किसानों को फसलों के नुकसान पर मुआवजा सरकार को देना चाहिए जो अभी तक सरकार ने नहीं दिया है। समाजवादी सरकार में किसानों को फसलों पर सब्सिडी दी गई थी। भाजपा सरकार की नीति वास्तविकता में किसानों के पक्ष में नहीं है।
उन्होने कहा कि भाजपा सरकार ने बुन्देलखण्ड की उपेक्षा कर रखी है। बेतवा नदी पर जहां रपटा है, वहां के लिए समाजवादी सरकार ने पुल स्वीकृत किया था। उस पुल को भाजपा सरकार ने ढाई वर्ष में भी बनाने के लिए कोई काम नहीं किया। समाजवादी सरकार में चंद्रावल और लखैरी नदियों में अविरल जल प्रवाह होता रहे इसके लिए उक्त नदियों को पुनर्जीवित किया गया था। तालाबों के जीर्णोद्वार की दिशा में काफी काम किया गया था।
प्रदीप
वार्ता