इटावा 12 नबंवर(वार्ता) कभी चंबल के कुख्यात डाकुओं के प्रभाव में रहे उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में पांच नदियों के संगम स्थल पंचनंदा पर कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर लगे मेले में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान के श्रद्वालुओं का जमघट नजर आ रहा है। आधी रात के बाद से ही श्रद्वालुओं की आवाजाही यहाँ पर स्नान और पूजा अर्चना के इरादे से शुरू हो गयी है ।
एक दिनी पंचनद मेले के इरादे से पुलिस प्रशासन के अलावा मेला समिति की ओर से कड़े ओर मजबूत सुरक्षा इंतजाम किए हुए है । इटावा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार मिश्रा ने कहा कि चंबल इलाके में होने वाला यह आयोजन अपने आप में अनूठा है जिसमें बड़ी तादाद में लोगो की भागीदारी होती है।इसी लिहाज से पुलिस की मुस्तैदी की गयी है । चूंकि कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर उत्तर प्रदेश के साथ-साथ पड़ोसी मध्यप्रदेश और राजस्थान तक से कई लाख की तादात में श्रदालु यहां पर पहुंचते हैं।
पांच नदियों का इटावा जिला मुख्यालय से 70 किमी दूर बिठौली गांव में है। सारे विश्व में इटावा का पंचनद ही एक स्थल है, जहां पर पांच नदियों का संगम हैं, ये नदियां हैं यमुना, चंबल, क्वारी, सिंधु और पहुज।
पांच नदियों का यह स्थल महाभारत कालीन सभ्यता से भी जुड़ा हुआ माना जाता हैं क्योंकि पांडवों ने अज्ञातवास इसी इलाके में बिताया था। पांडवों के यहां पर अज्ञातवास बिताने के प्रमाण भी मिलते हैं। महाभारत में जिस बकासुर नामक राक्षस का जिक्र किया जाता है, उसे भीम ने इस इलाके के एक ऐतिहासिक कुएं मे मार डाला था।
सं विनोद
वार्ता