लखनऊ 22 नवम्बर (वार्ता) उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति संवेदनहीन होने का आरोप लगाते हुये कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने डेंगू को महामारी घोषित कर रोकथाम के उपाय करने और मृतक आश्रितों को 25 लाख रूपये मुआवजे के तौर पर देने की मांग की है।
श्री लल्लू ने शुक्रवार को यहां पत्रकारों से कहा कि डेंगू से अकेले कानपुर में ही मरने वालों की तादाद सैकड़ा पार कर चुकी है लेकिन सरकार कानो में तेल डाल कर बैठी है। उन्होने कहा कि कानपुर में डेंगू पीड़ित गांव खेड़ा मऊ, सरैया दस्तरखान, बरनपुरवा और पिहानी गांवों में डेंगू महामारी का रूप अख्तियार कर चुकी है। सिर्फ पिहानी गांव में डेंगू से 17 लोगों की एक महीने के अंदर मौत हुई है और हर घर में दूसरा या तीसरा सदस्य डेंगू से पीड़ित है।
उन्होने कहा कि जिला प्रशासन मृतकों को डेंगू से पीड़ित नहीं घोषित कर रहा है। मकनपुर, बिल्हौर, देहात और सिंगरौली केा मिलाकर इन जगहों में 130 से 135 लोग डेंगू से मरे हैं लेकिन प्रशासन इसको छुपाने के लिए तमाम तरह से प्रयास कर रहा है। यहां तक कि प्रशासन द्वारा डेंगू से निपटने के लिए प्राथमिक उपचार व कीट भी उपलब्ध नहीं करा रहा है। न ही इन गांवों में डेंगू निवारण के लिए मच्छरों को मारने के लिए दवा का छिड़काव किया गया है। कानपुर देहात और नगर मिलाकर लगभग एक हजार से अधिक लोग डेंगू से प्रभावित हैं।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पनकी कूड़ा निस्तारण व्यवस्था ध्वस्त होने की वजह से लगभग दो किमी तक आसपास के इलाकों में कूड़े का पहाड़ जमा हो गया है। यहां तक कि नगर निगम का आफिस और उसके लगे स्कूल के चारों तरफ कूड़े का ढेर लग गया है जो लगातार जल रहा है जिससे धुआं और बदबू ने पूरे शहर को आगोश में ले लिया है।
उन्होने कहा कि कूड़ा रिसाइकलिंग की व्यवस्था लगभग चार सालों से ठप हो जाने की वजह से आसपास के एक दर्जन गांवों में लोगों का रहना दूभर हो गया है। जिसमें चितईपुर, सिरसई, मक्खनपुर, नौरैया खेड़ा, सरायमीता, जमुई, पनका, पनकी, बधवापुरवा के लोग पलायन के लिए मजबूर हैं। यहां पर कूड़ाजनित तमाम संक्रामक बीमारियों, महामारी, डेंगू फैल गया है।
श्री लल्लू ने कहा कि प्रदेश में जुलाई से सितम्बर तक मेडिकल काउन्सिल आफ इण्डिया के आंकड़े के अनुसार 792 मरीज डेंगू से पीड़ित पाये गये जबकि अक्टूबर और नवम्बर का आंकड़े के बारे में अभी तक पता नहीं है। लखनऊ में 500, कानपुर में 700 और इलाहाबाद में 325 डेंगू के मरीज के मामले जुलाई से अक्टूबर तक आ चुके हैं।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार सरकार डेंगू से मरने वाले मरीजों के परिवारों को 25 लाख रूपये मुआवजा देना सुनिश्चित करे। साथ ही सभी जिलाधिकारियों को डेंगू से रोकथाम के आवश्यक उपाय करे। उन्होने कहा कि सरकार ने डेंगू को अगर महामारी घोषित नहीं किया तो पार्टी सड़कों पर उतर कर आंदोलन को बाध्य होगी।
प्रदीप
वार्ता