इटावा 26 नंबवर (वार्ता) उत्तर प्रदेश के बीहडो मे स्थापित इटावा सफारी पार्क चंबल की नई पहचान बन गया है । औपचारिक तौर पर शनिवार को इसे दर्शकों के लिये खोला गया और रविवार से यहाॅ पर देश विदेशी पर्यटको का आना शुरू हुआ ।
सफारी शुरूआत के तीन दिन बाद जर्मन दंपति डेनिस और कालरा इटावा सफारी पार्क के पहले विदेशी पर्यटक बन गये है । भारत भ्रमण पर आये जर्मन जोडे को जब इस बात की जानकारी मिली कि इटावा सफारी पार्क पर्यटकों के लिए खुल गया है तो वो आगरा से आज सुबह सफारी को देखने के लिए चले आये । जर्मन जोडेे ने इटावा सफारी पार्क कि भव्यता कि जमकर तारीफ की । उन्होंने कहा कि वो आगे भी इस सफारी को देखने के लिए आयेगे ।
इटावा सफारी पार्क मे फिलहाल 60 काले हिरन, 12 सांभर, 24 चीतल, 4 तेंदुये और 3 भालूओं के दीदार होगे। अगले साल मार्च के आसपास शेरो को भी देखा जाना संभव हो जायेगा ।
पहले ही दिन 366 पर्यटको ने अपनी आमद करा के सफारी की ओपनिंग को शुभ संकेत दिया। कुख्यात डाकुओ के आंतक से अब तक जूझती रही चंबल की तस्वीर करीब डेढ दशक पहले बदलना शुरू हो गयी थी जब साल 2003 में मुख्यमंत्री काल मे मुलायम सिंह यादव ने डाकुओ के खिलाफ अभियान चला कर एक के बाद एक नामी डाकुओ को ना केवल धरासाई करवाया और जो बच गये उन्हे समर्पण के बाद जेल मे रखा गया।
इटावा का फिशरवन अंग्रेज अफसरों की शिकारगाह रही है। यहां पर इटावा के महाजन लोग अंग्रेज अफसरों के लिए हिरन,सांभर,चीतल और तेदुओं को पहले शिकारियों के जरिए पकड़वा कर अंग्रेज हुक्मरानों के सामने उनके शिकार के लिए पेश करते थे । अंग्रेज गोली से उनका शिकार करके खुश हुआ करते थे। जानवरों के मरने के बाद उसके मांस को वही पर पकाकर खाने का क्रम भी अंग्रेज अफसर अपने परिवार के साथ किया करते थे।
भारतीय पर्यटकों के लिए 200 रुपये व छह से 12 साल तक के बच्चों के लिए 50 रुपये का शुल्क रखा गया है। जबकि फोर-डी थियेटर का शुल्क 150 रुपये व बच्चों के लिए 100 रुपये रखा गया है। काम्बोपैक सफारी व फोर-डी थियेटर का मिलाकर 300 रुपये व 120 रुपये रखा गया है। विदेशी पर्यटकों के लिए 500 रुपये व बच्चों के लिए 400 रुपये रखा गया है। फोर-डी थियेटर का शुल्क 400 रुपये व 300 रुपये रखा गया है। काम्बोपैक 800 रुपये व 600 रुपये रखा गया है।
सं विनोद
वार्ता