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हरकोर्ट बटलर ने डाली थी लखनऊ चिडियाघर की नींव

हरकोर्ट बटलर ने डाली थी लखनऊ चिडियाघर की नींव

लखनऊ 28 नवम्बर (वार्ता) अंग्रेज गर्वनर सर हरकोर्ट बटलर ने 29 नवम्बर 1921 को प्रिन्स आफ वेल्स के लखनऊ आगमन के उपलक्ष्य में प्राणि उद्यान की स्थापना की थी हालांकि इस परिसर की स्थापना 18वीं सदी में आमों के बाग के रूप में अवध के तत्कालीन नवाब नसीरूद्दीन हैदर द्वारा की गयी थी। उस समय इसे बनारसी बाग के रूप में जाना जाता था। आज भी बोलचाल की भाषा में स्थानीय लोग इसको बनारसी बाग ही कहते हैं।

उत्तर प्रदेश की नवाब नगरी लखनऊ में स्थित प्राणि उद्यान शुक्रवार को अपनी स्थापना की 58वीं सालगिरह मनायेगा। नवाबों द्वारा शाम के वक्त, जैसा कि अवध की शाम प्रसिद्ध हुआ करती थी, यहाँ पर बैठने के लिए एक बारादरी का निर्माण कराया गया जो कि प्राणि उद्यान के बीचोबीच आज भी अपनी पूरी भव्यता एवं गरिमा के साथ स्थित है। 1921 से से 1926 के बीच यहां 26 भवनों का निर्माण किया गया। उस समय इसकी लागत दो लाख आठ हजार 800 रूपये थी। मुख्य गेट का निर्माण सन 1936 में किया गया तथा उस समय इसका नाम ‘सर लुडोविक पोर्टर गेट’ रखा गया था। इसके प्रबन्धन के लिए एक कमेटी बनायी गयी थी तथा कमिश्नर, लखनऊ इस कमेटी के अध्यक्ष थे एवं ‘शेख मकबूल हुसैन’ इस कमेटी के पहले सचिव बनाये गये।

वर्ष 1950 में उपरोक्त कमेटी के स्थान पर एडवाइजरी कमेटी, लोक स्वास्थ्य विभाग के अन्तर्गत बनायी गयी। निदेशक, चिकित्सा और स्वास्थ्य को इसका प्रशासक बनाया गया जबकि 1966 में इसका प्रशासनिक नियंत्रण वन विभाग को दिया गया और एडवाइजरी पुनर्गठित की गयी।

वर्ष 2001 में प्राणि उद्यान का नाम ‘प्रिन्स आफ वेल्स जूलोजिकल गार्डेन्स ट्रस्ट’ से परिवर्तित करके लखनऊ प्राणि उद्यान रखा गया। वर्ष 2015 में प्राणि उद्यान का नाम ‘लखनऊ प्राणि उद्यान’ से परिवर्तित करके ‘नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान, लखनऊ’ रखा गया।

14 नवम्बर, 1969 को यहाँ पर बालरेल चलायी गयी तथा तत्कालीन मुख्यमंत्री चन्द्रभानु गुप्ता द्वारा इस बालरेल का शुभारम्भ किया गया और इस स्टेशन का नाम चन्द्रपुरी स्टेशन रखा गया। वर्ष 1971 में इस प्राणि उद्यान की गोल्डेन जुबली मनायी गयी थी। पुरानी बालरेल के स्थान पर नई बालरेल एवं रेलवे ट्रैक का फरवरी 2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा उद्घाटन किया गया। इस समय रेलवे ट्रैक की कुल लम्बाई 1.4 किमी है। इस पूरे प्राणि उद्यान का क्षेत्रफल लगभग 29 हैक्टेयर है।

इस 29 हैक्टेयर में कुल 152 बाड़े हैं जिसमें मछलीघर के इनक्लोजर सम्मिलित नहीं हैं। प्राणि उद्यान में कुल 1012 वन्यजीव एवं उनकी 104 प्रजातियाँ हैं। इसमे मछलियों की लगभग 65 प्रजातियाँ अतिरिक्त हैं। इस प्राणि उद्यान को अप्रैल 2018 में तीन आईएसओ सर्टिफिकेट प्राप्त हुए हैं। एक साथ तीन-तीन आईएसओ सर्टिफिकेट प्राप्त करने वाला यह देश का एकमात्र प्राणि उद्यान है।

प्रदीप

वार्ता

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