राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Dec 1 2019 9:48PM सीबीआई के खौफ से मौरंग व्यापारियों के मोबाइल फोन स्विच आफहमीरपुर 01 दिसम्बर (वार्ता) उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में अवैध खनन की जांच के सिलसिले में पिछले एक सप्ताह से डेरा जमाये केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूराे (सीबीआई) की दहशत स्थानीय मौरंग कारोबारियों में इस कदर है कि तलब किये जाने के भय से ज्यादातर ने अपने मोबाइल फोन के स्विच आफ कर लिये हैं। विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक अवैध खनन में शामिल मौरंग कारोबारियों में सीबीआई जांच को लेकर दहशत का माहौल है। यहीं कारण है कि सीबीआइ टीम के मुख्यालय में डेरा जमाने के सात दिनों में मात्र छह लोग ही पेश हुए है जबकि अन्य लोगों के मोबाइल स्विच आफ होने की बात सामने आई है। रविवार को कैंप कार्यालय में सन्नाटा पसरा रहा। सीबीआई अधिकारियों ने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक से उनके आवास जाकर मुलाकात की। सरीला तहसील में तैनात लेखपाल ने कैंप कार्यालय पहुंच बेंदा दरिया खनन क्षेत्र से संबंधित अभिलेख सीबीआइ को उपलब्ध कराए। जिले में हुए अवैध मौरंग खनन की जांच को लेकर सीबीआइ ने छठवीं बार 25 नवंबर को मुख्यालय में डेरा जमाया हुआ है। पहले दिन ही सीबीआइ ने 78 लोगों को पूछताछ के लिए पुलिस के माध्यम से नोटिस भेजा था जिसमें अब तक सपा एमएलसी रमेश मिश्रा अपने भाई दिनेश मिश्रा एवं मुनीम जयकरन के साथ पेश हुए। बाद में पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष अवैध खनन में नामजद संजय दीक्षित के चाचा राकेश दीक्षित, खनिज विभाग के सेवानिवृत्त बाबू रामसहाय व कानपुर देहात में तैनात डीएफओ की ही पेशी हुई है। सूत्रों के अनुसार नोटिस के बाद सीबीआइ के समक्ष पेश न होने वालों के खिलाफ सीबीआइ सख्त रुख अपना सकती है। वहीं शनिवार को सीबीआइ द्वारा सरीला क्षेत्र में हुए अवैध खनन का निरीक्षण करने के बाद तहसील प्रशासन से संबंधित अभिलेख मांगे गए थे जिसके चलते रविवार को सरीला तहसील में तैनात लेखपाल राकेश कुमार ने कैंप कार्यालय पहुंच सीबीआइ को मांगे गए अभिलेख उपलब्ध कराए।सं प्रदीपवार्ता