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उत्तर प्रदेश-इस्तीफा जश्न दोे अन्तिम प्रयागराज( लख 16 के अन्तिम पैरा में शब्द हटाते हुये)

पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि विवि के इतिहास में पहली घटना है जब “महिला उत्पीड़न” के नाम पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने किसी कुलपति को तलब करके बुलाया गया हो और यह कहा हो कि नहीं आने पर उन्हें सम्मन तलब कर बुलाया
जायेगा, यह ऐतिहासिक घटना नहीं दुर्घटना है। किसी कुलपति के लिए इससे बड़ी शर्मनाक और कोई बात नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि विवि प्रशासन ने छात्रसंघ गरिमा को गिराने का काम किया है, हमें अराजक कहा, सवाल उठाने
वालो को निष्कासित किया गया और जवाब मांगने वालों पर मुकदमे लिखवा दिये गये।
उन्होंने कहा कि कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर के एस मिश्र का पहला काम होगा कि वह बोर्ड आफ डिसिप्लिन की बैठक बुलाए और सभी निष्कासित साथियों का निलंबन बिना शर्त तत्काल वापस करें। महिला छात्रावास की सभी मांगों को
अविलम्ब पूरा करें। छात्रसंघ बहाली के साथ साथियों पर लिखी गयी एफआईआर वापस हो और विवि प्रशासन की समन्वय बैठक प्रतिमाह हो एवं छात्रसंघ भवन पर लगा तला तत्काल खोला जाए। अब तक सभी यौन शोषण की शिकायतों का तत्काल निस्तारण हो तथा दोषी व्यक्तियों को महत्वपूर्ण पदो से हटाया जाए।
गौरतलब है कि मानव संसाधन मंत्रालय के साथ चली लंबी खींचतान के बाद अखिरकार कुलपति हांगलू ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया जिसे स्वीकार कर लिया गया है। 30 दिसंबर 2019 को अपने कार्यकाल का चार साल पूरा करने वाले कुलपति सर्वाधिक विवादित वीसी के रूप में याद किये जाएंगे।
इस बीच कुलानुशासक प्रोफेसर आर एस दुबे ने भी इस्तीफा दे दिया था। मानव संसाधन मंत्रालय ने पोफेसर आर एस दुबे का त्यागपत्र अस्वीकृत करते हुए अनुरोध किया है कि वह विश्वविद्यालय के हित में पूर्व की तरह कुलानुशासक के रूप में अपने दायित्वों का निर्वहन करें।
दिनेश भंडारी
वार्ता
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