वाराणसी, 23 जनवरी (वार्ता) उत्तर प्रदेश में वाराणसी के बेनियाबाग पार्क में गुरुवार को नागरिकता (संशोधन) कानून (सीएए) के खिलाफ धरने पर बैठीं महिलाओं को पुलिस ने हल्का बल प्रयोग करते हुए उन्हें वहा से हटा दिया।
इस दौरान पुलिस एवं महिलाओं के बीच नोंकझोंक हुई। पुलिस का कहना है कि महिलाएं मौके से भागने में कामयाब रही गईं जबकि कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। एहतियातन पूरे इलाके में पुलिस तैनात कर दी गई है।
सूत्रों ने बताया शहर के मुस्लिम बहुल इलाके के बेनियाबाग पार्क में आंदोलनकारी महिलाएं हाथों में भारतीय संविधान की प्रस्तावना की छाया प्रति एवं राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा लेकर धरने पर बैठ गईं। कई महिलाएं गोद में बच्चे लेकर धरने में शामिल हुईं लेकिन कुछ समय बाद सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने आंदोलनकरियों को जबरन वहां से हटाया। इस बीच पुलिस और आंदोलनकारियों के बीच जमकर नोंकझोंक हुई। कई महिलाओं को पुलिस ने हिरासत में लेने की कोशिश की लेकिन वह वहां से भाग गईं।
कई आंदोलनकारियों का आरोप है कि पुलिस ने उन पर लाठियां भांजी, जिससे कई लोगों को चोटें आयीं। पुलिस ने उनके आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि कुछ अज्ञात लोगों द्वारा कथित तौर पर पुलिस पर पथराव करने की कोशिश करने की जानकारी सामने आयी है जिसकी जांच की जा रही है। इसमें कुछ बाहरी लोगों के हाथ होने का संदेह है।
इस बीच जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने मौके पर संवाददाताओं को बताया कि धारा 144 का उल्लंधन कर धरना देने के आरोप में कुछ पुरुषों को गिरफ्तार किया गया है जबकि महिलाएं मौके चली गईं। उन्होंने कहा कि ‘साजिश’ के तहत गैरकानूनी तरीके से धरना देकर शहर का माहौल बिगाड़ने की कोशिश की जा रही थी, जिसे प्रशासन ने समय रहते नाकाम कर दिया है।
उन्होंने बताया कि कुछ ऐसे लोगों के नाम सामने आये जो, पहले भी इसी प्रकार के मामले में शामिल रहे हैं। पुष्टि के बाद उन लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही पार्क प्रशासन से यह सुनिश्चित करने को कहा जाएगा कि यहां पर सुबह में ठहलने वालों के अलावा कोई बाहरी लोग न आये।
श्री शर्मा ने बताया कि जिले में गत वर्ष आठ नवम्बर से तीन महीने के लिए एहतियातन धारा 144 लागू है। उन्होंने कहा कि कानून के दायरे में शहर में चिन्हित स्थानों पर प्रशासन की अनुमति लेकर राजनीतिक कार्यक्रमों पर रोक नहीं है, लेकिन ‘साजिश’ के तहत कोई माहौल बिगाने की कोशिश करेगा, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि गैरकानूनी तकरीके से धरना-प्रदर्शन या लोगों को उकसाने की कोशिश करेगा उसके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) जैसी गंभीर धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने बताया कि बेनियाबाग समेत शहर में तीन स्थानों पर कानून व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश की जानकारी मिलने के बाद उन क्षेत्रों में पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिये गए हैं। पुलिस अधिकारियों को विशेष सतर्कता बरतने के आदेश दिये गए हैं।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रभाकर चौधरी ने बताया कि शहर में 144 लागू होने एवं जहां-तहां धरना एवं प्रदर्शन नहीं करने के बारे में प्रशासन की ओर से बार-बार जानकारी दी जा रही है, लेकिन इसके बाद भी गैरकानूनी तरीके से धरना देने एवं सार्वजनिक स्थान पर कुछ लोगों द्वारा उकसाने की कोशिश की गई है। ऐसे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
उन्होंने कहा कि इस मामले में कुछ बाहरी लोगों द्वारा उकसाने की जानकारी मिली है, जिसकी पुष्टि के बार उन लोगों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
श्री चौधरी ने कहा कि शहर में शांति है तथा किसी को घबराने या डरने की जरूरत नहीं है।
गौरतलब है कि सीएए के विरोध में इससे पहले भी यहां के मुस्लिम बहुल इलाके में प्रदर्शन हुए थे, जिसमें 73 से अधिक लोग गिरफ्तार किये गए थे। एक नाबालिग मृत्यु एवं पुलिस समेत अनेक आंदोलनकारी घायल हुए हुए थे। इस मामले अनेक लोग अदालत से जमानत में मिले के बाद रिहा कर दिये गए हैं।
बीरेंद्र त्यागी
वार्ता