राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Feb 7 2020 3:20PM बजट प्रस्तावों के खिलाफ बिजली इंजीनियर चेन्नई में तय करेंगे रणनीतिलखनऊ 07 फरवरी (वार्ता) बिजली आपूर्ति के निजीकरण और ताप बिजली घरों को बंद करने के बजट प्रस्तावों के खिलाफ बिजली इंजीनियर्स नौ फरवरी को चेन्नई में होने वाली कार्यसमिति की बैठक में राष्ट्रव्यापी संघर्ष की रणनीति तय करेंगे। आल इण्डिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेन्द्र दुबे ने शुक्रवार को बताया कि पिछली एक फरवरी को लोकसभा में रखे गए बजट के दो प्रस्तावों से देश भर के बिजली इंजीनियर और कर्मचारी काफी उद्वेलित हैं। इन प्रस्तावों के विरोध में 11 फरवरी को सभी राज्यों की राजधानियों में बिजली कर्मचारी और अभियंता विरोध प्रदर्शन करेंगे | संघर्ष की अगली रूपरेखा फेडरेशन की चेन्नई मीटिंग में बनाई जायेगी। बजट प्रस्ताव में कहा गया है कि अगले तीन साल में सभी घरों में लगे हुए वर्तमान मीटरों को हटाकर प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगा दिए जाएंगे और बिजली आपूर्ति में उपभोक्ताओं को आपूर्तिकर्ता कंपनी को चुनने का विकल्प दिया जाएगा जिसका साफ़ अर्थ है कि बिजली आपूर्ति कई निजी कंपनियों को सौंपने की तैयारी है। उन्होंने कहा कि प्रीपेड मीटर लगाने से मीटर रीडर और राजस्व वसूली का कार्य पूरी तरह समाप्त हो जाएगा जिससे कम से कम तीन लाख रोजगार देश भर में बिजली के सेक्टर में कम हो जाएंगे। इसी प्रकार आपूर्ति निजी घरानों को सौंपे जाने से भी बहुत बड़े पैमाने पर रोजगार समाप्त होंगे, साथ ही मुनाफे वाले क्षेत्र का निजीकरण होने से वितरण में होने वाली हानि और प्रीपेड मीटर आदि के खर्च की भरपाई आम उपभोक्ता की बिजली दरें बढ़ा कर की जायेगी | श्री दुबे ने कहा कि बजट के दूसरे प्रस्ताव में कहा गया है कि अधिक कार्बन उत्सर्जन करने वाले ताप बिजली घरों को बंद कर दिया जायेगा। यदि ऐसा हुआ तो देश के एक लाख 66 हजार मेगावाट के बिजलीघर बंद हो जायेंगे जिसमे उप्र के लगभग 3000 मेगावाट क्षमता के बिजलीघर होंगे। लगभग 15000 मेगावाट क्षमता के ताप बिजलीघरों को बंद करने की नोटिस भी दे दी गई है जिसमे उत्तर प्रदेश का हरदुआगंज बिजलीघर भी है। गौरतलब है कि इन पुराने बिजलीघरों से सबसे सस्ती बिजली मिलती है | उप्र में सबसे सस्ती बिजली देने वाला अनपारा बिजलीघर पूरा बंद हो जायेगा। इन बिजली घरों के बंद होने के बाद वितरण कम्पनियाँ निजी घरानों के बिजलीघरों से महंगी बिजली खरीदने के लिये विवश होंगी जिसकी भरपाई टैरिफ बढाकर की जायेगा। प्रदीपवार्ता