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फीचर कांशीराम इटावा चार अंतिम इटावा

वर्मा बताते है कि उस समय मोबाइल फोन की सुविधा नही हुआ करती थी और कांशीराम के लिये बडी संख्या मे फोन आया करते थे, इसी वजह से कांशीराम के लिये एक फोन लाइन उनके कमरे मे सीधी डलवा दी गई थी जिससे वो अपने लोगो के संपर्क मे लगातार बने रहते थे। मुलायम अमूमन फोन पर कहते थे कि कांशीराम हमारे मेहमान है उनको किसी भी प्रकार की तकलीफ नही होनी चाहिये लेकिन वो कभी होटल मे आये नही कभी। इतना जरूर है कि कांशीराम और मुलायम की फोन पर लंबी बातचीत जरूर होती थी ।
उन्होने बताया कि कांशीराम के चुनाव मे गाडियो के लिये डीजल आदि की व्यवस्था देखने वाले आर.के.चैधरी बाद मे उत्तर प्रदेश मे सपा बसपा की सरकार मे परिवहन मंत्री बने । कांशीराम को नीला रंग सबसे अधिक पंसद था इसी वजह से उन्होने अपनी कंटेसा गाडी को नीले रंग से ही पुतवा दिया था पूरे चुनाव प्रचार मे कांशीराम ने सिर्फ इसी गाडी से प्रचार किया ।
नब्बे के दशक मे उत्तर प्रदेश के अयोध्या मे बाबरी मसजिद के विध्वंस के बाद ‘मिले मुलायम कांशीराम, हवा उड गए जयश्री राम, बाकी राम झूठे राम असली राम कांशीराम ’ नारा लगा- ‘ इस नारे ने राजनीतिक बिसात मे खासा परिवर्तन किया । यह नारा इटावा के खादिम अब्बास ने दिया था। खादिम आज भले ही बसपा की मुख्यधारा मे ना हों लेकिन वे आज भी कांशीराम से खासे प्रभावित रहे हैं, इसीलिए बसपा से निकाले जाने के बाद आज तक किसी भी दल का हिस्सा नहीं बने हैं।
सं प्रदीप
वार्ता
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