राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Mar 16 2020 7:48PM झांसी:उत्तर प्रदेश बोर्ड कॉपियों की जांच पर दिखा कोरोना का असरझांसी 16 मार्च (वार्ता) उत्तर प्रदेश बोर्ड परीक्षा के बाद कॉपियों की सोमवार से शुरू हुई जांच प्रकिया के पहले दिन झांसी में मूल्यांकन केंद्रों पर कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए शिक्षकों की संख्या काफी कम नजर आयी और इससे जांच का काम भी प्रभावित हुआ। जिला विद्यालय निरीक्षक कोमल सिंह यादव से मूल्यांकन केंद्रों पर शिक्षकों की पहले ही दिन अनुपस्थिति को लेकर पूछे गये सवाल के जवाब में उन्होंने पहले दिन शिक्षकों की उपस्थिति पूरी नहीं होने को स्वीकार किया लेकिन हड़बड़ाते हुए कहा कि कल से संख्या पूरी रहेगी। उन्होंने बताया कि कोराना वायरस के खतरे को देखते हुए सभी मूल्यांकन केंद्रों पर साफ सफाई की पूरी व्यवस्था की गयी है। सभी की सीट पर सेनीटाइजर आदि की व्यवस्था की गयी है। झांसी जिले में चार मूल्यांकन केंद्र बनाए गए हैं, इसमें जीआईसी, नेशनल हाफिज सिद्दीकी, एस पी आई, बीआईसी को केंद्र बनाया गया है, इस साल एस पी आई और वीआईसी को जोड़ा गया है। पहले दिन कई उप प्रधान परीक्षक जीआईसी नहीं पहुंचे इसके अलावा 189 के सापेक्ष लगभग 100 सहायक परीक्षक ही मूल्यांकन स्थल पर पहुंचे, 35 फ़ीसदी से ज्यादा शिक्षक पहले दिन मूल्यांकन स्थल नहीं पहुंचे जिस से पहले दिन का काम प्रभावित हुआ। श्री यादव ने बताया कि मूल्यांकन स्थलों पर एक मीटर पर एक टेबल ,हैंड वाश , टिशू पेपर आदि की व्यवस्था की गयी है। साथ ही वेबकास्टिंग भी करायी जा रही है ताकि मुख्यालय से ही हर कक्ष में काम का जायजा लिया जा सके। जीआईसी में 41006 कॉपियों की जांच होनी है, इस काम को पारदर्शी तरीके से संपन्न कराने के लिए 23 उप प्रधान परीक्षक और 189 सहायक परीक्षक लगाए गए हैं साथ ही 10-10 सहायक परीक्षक को एक उप प्रधान परीक्षक की देखरेख में मूल्यांकन के लिए लगाया गया है। एक दिन में एक टीचर को 40 से 50 कॉपियां जांच करने के लिए दी जाएंगी, जिसमें उनका वक्त सुबह दस बजे से लेकर शाम को पांच बजे तक तय किया गया है, उन कॉपियों को उप प्रधान परीक्षक रैंडमली क्रॉस चेक करते हैं, इसके अलावा कॉपियों का बंडल लेने और जमा करने के लिए भी उप प्रधान परीक्षक की जिम्मेदारी होती है।सोनियावार्ता