राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Mar 30 2020 9:31PM घर वापसी करते श्रमिकों की मदद को टूटी सभी सामाजिक वर्जनाएंझांसी 30 मार्च (वार्ता) कोराेना वायरस (कोविड-19) के खतरे के बीच जहां एक ओर सभी लोग डरे हुए हैं और सर्तकता बरत रहे हैं वहीं इसी खतरे के बीच विभिन्न शहरों से बड़ी संख्या में उत्तर प्रदेश के झांसी पहुंच रहे श्रमिकों की मदद के लिए समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों ने पहल कर साबित करने का प्रयास किया कि भारतीय समाज में मानवीय मूल्य अब भी बरकरार हैं। दिल्ली ,आगरा और भोपाल आदि शहरों से पिछले चार दिनों से हजारों की संख्या में यह श्रमिक लगातार आ रहे हैं और यही क्रम सोमवार को भी जारी रहा। झांसी एक ऐसा मुख्य केंद्र है जहां से होकर मध्यप्रदेश के कई शहरों के लिए मार्ग जाते हैं । इन लोगों को भोजन कराने से लेकर इनके गंतव्य तक सुरक्षित भेजने की व्यवस्था करने में जहां एक ओर प्रशासन जुटा है तो विभिन्न पार्टियों के कार्यकर्ता, अलग अलग धर्मों के लोग और उच्च तथा मध्यम वर्ग के सक्षम लोग भी सामूहिक या व्यक्तिगत रूप से ही मदद में लगे हैं। सभी का एकमात्र उद्देश्य यही है कि बच्चों और सामान के साथ पैदल घरों को वापसी कर रहे इन लोगों की जितनी संभव हो पाये ,मदद की जाए। इस काम में इन लोगो की मदद करने के साथ लोग आपस में एक दूसरे की मदद भी करते नजर आ रहे हैं। कुछ लोग तो व्यक्तिगत रूप से वाहनों का इंतजाम कर लोगों को गंतव्य तक पहुंचाने में लगे हैं। झांसी प्रशासन ने कोरोना खतरे के प्रसार के मद्देनजर इन लोगों की मदद पूरी सावधानी के साथ करते हुए बाईपास से इनके गंतव्यों की ओर रवाना करने की व्यवस्था की है । इन जगहों पर हजारों की संख्या में मौजूद श्रमिकों की मदद में जहां एक ओर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता लगे हैं तो दूसरी ओर समाजवादी पार्टी (सपा) के कार्यकर्ता जुटे हैं। इनके साथ कुछ लोग व्यक्तिगत रूप से लोगों को खाना और पीने का पानी मुहैया करा रहे हैं। यह सभी लोग प्रशासन से इतर अपने अपने स्तर से ही श्रमिकों की बड़ी भीड़ को देखते हुए बसों या वाहनों का इंतजाम कर रहे हैं। इसी काम में लगे भारतीय जनता पार्टी के निवर्तमान जिलाध्यक्ष प्रदीप सरावगी ने बताया कि पार्टी की ओर से प्रत्येक कार्यकर्ता को पांच लोगों को “ मोदी टिफिन” अपने खर्चे से मुहैया कराने के आदेश दिये गये थे और इसी के तहत हम सभी मिलकर लोगों की मदद में लगे हैं। चार दिनों से यहां पहुंचने वाले लोगों को सभी कार्यकर्ता आपसी सहयोग से तैयार किया भोजन और पीने का पानी मुहैया कराते हैं और वाहनों से उनको अपने गंतव्य की ओर रवाना करते हैं। उन्होंने बताया कि समस्या यह आ रही है कि यह सभी लोग अलग अलग जगहों को जाना चाहते हैं । ऐसे में बड़े वाहनों में सभी को एक साथ नहीं भेजा जा सकता । इस कारण भाजपा के कार्यकर्ता विभिन्न जगहों को जाने के लिए सामान आदि लेकर आ रहे ट्रकों पर बैठाकर अलग अलग स्थानों के लिए इन लोगों को भेज रहे हैं। इसी प्रकार की व्यवस्था बनाने में सपा के कार्यकर्ता भी लगे हैं। पार्टियों के कार्यकर्ताओं के साथ साथ बहुत से लोग व्यक्तिगत स्तर पर श्रमिकों के लिए भाेजन और पानी की व्यवस्था कर रहे हैं और इतना ही नहीं अपने स्तर से वाहन मंगाकर श्रमिकों को गंतव्य की ओर रवाना कररहे हैं। इस आपदा के समय ज्यादा से ज्यादा लोग आर्थिक मदद के लिए आगे आ रहे हैं। इसी क्रम मे आज बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति समेत सभी शिक्षक, अधिकारी और कर्मचारी अपने मार्च माह के वेतन से एक दिन का वेतन कोराना के संक्रमण से लड़ने के लिए प्रधानमंत्री केयर फंड में देने की घोषणा की, इस राशि का उपयोग कोरोना से लड़ने में किया जा सकेगा। कुलपति प्रो जे वी वैशंपायन की पहल पर बुन्देलखंड विश्वविद्यालय शिक्षक संघ बूटा, विश्वविद्यलय के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने स्वेच्छा से देश पर आईं इस आपदा की घड़ी में एक दिन का वेतन देने की सहमति दी और आवश्यकता पड़ने पर आगे भी इस प्रकार की सहायता देने हेतु तत्पर रहने की बात कही है।सोनियावार्ता