राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: May 11 2020 8:45PM वाराणसी : लॉकडाउन में शारीरिक दूरी के साथ भूख हड़तालवाराणसी, 11 मई (वार्ता) कारोना वायरस महामारी के मद्देनजर श्रम कानूनों में बदलाव करने के उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले के खिलाफ कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) सीपीआईएम एवं आम आदमी पार्टी (आप) कार्यकर्ताओं ने शारीरिक दूरी के मानकों का पालन करते हुए सोमवार को अपने कार्यालय एवं घरों में भूख हड़ताल की। सीपीआईएम के प्रदेश सचिव हीरालाल यादव ने यहां बताया कि वामपंथी दलों के राज्यव्यापी भूख हड़ताल के आह्वान के तहत दशाश्वमेध स्थित जिला कार्यालय में कुछ नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने भूख हड़ताल की। इस दौरान शारीरिक दूरी बनाये रखने के मानकों का पालन किया गया। कार्यकर्ताओं ने हाथों में मांगों से संबंधित तख्तियां लेकर विरोध दर्ज कराया। श्री यादव ने बताया कि योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा श्रम कानूनों को तीन सालों के लिए निरस्त किए जाने, मंडी कानून में संशोधन किए जाने तथा केंद्र सरकार द्वारा डीजल एवं पेट्रोल के मूल्य वृद्धि के खिलाफ भूख हड़ताल कर विरोध तर्ज कराया गया। उन्होंने गरीबों को कैंसर, टीबी जैसे गंभीर बीमारियों का इलाज फौरन शुरू करवाने, प्रवासी मजदूरों को सरकारी खर्चे पर उनके घरों पर पहुंचाने, हर गरीब के खाते में कम से कम 7,500 भेजने आदि मांगों को लेकर वामपंथी दलों ने 11 मई को प्रदेशव्यापी धरना और भूख हड़ताल का आवाहन किया था। उन्होंने बताया कि 15 सूत्रीय मांगों का एक ज्ञापन राष्ट्रपति, उत्तर प्रदेश राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री को भेजा गया है। आप के प्रदेश प्रवक्ता मुकेश सिंह ने बताया कि कार्याकर्ताओं ने अपने-अपने घरों पर उपवास कर सरकार के फैसले का विरोध किया। उन्होंने श्रम कानून को निलंबित करने के फैसले को मजदूर एवं गरीब विरोधी बताते हुए राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार से इससे संबंधित अध्यादेश वापस लेने की मांग की है। श्री सिंह ने मांग की कि लॉकडाउन के दौरान अन्य राज्यों से उत्तर प्रदेश आ रहे जिन मजदूरों की हादसे मे मौत हुई, उनके परिजनों को 50 लाख मुआवजा एवं घर के एक सदस्य को नौकरी दी जाए। इसके अलावा लोगों के तीन माह का बकाया बिजली बिल एवं प्राईवेट स्कूलों की बच्चों तीन माह की फीस माफ की जाये।बीरेंद्र प्रदीपवार्ता