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राजनीति अखिलेश भाजपा दो अंतिम लखनऊ

सपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार के अदूरदर्शी फैसलों के चलते गरीब और बेबस श्रमिकों की जिंदगी नर्क हो गई है। मथुरा में कोसीकलाॅ से फरह तक हाईवे पर जमा श्रमिकों को जब सात घंटे तक खाना पानी नहीं मिला, बसों की व्यवस्था नहीं हुई तो उनके आक्रोश व्यक्त करने पर पुलिस ने जमकर लाठियां बरसाई। सहारनपुर और झांसी में भी कामगारों का सब्र टूट गया। लाठियों की यह चोट गरीब जनता कभी नहीं भूलेगी।
उन्होने कहा कि भाजपा सरकार से आग्रह है कि वह संवेदनशील होने का परिचय दे। जो लोग सैकड़ों मील चलकर जहां भी पहुंचे हैं, अब वहीं से आगे उन्हें घर भिजवाने की तुरन्त व्यवस्था की जाए। पुलिस एक सीमा से आगे जनसैलाब का सामना नहीं कर सकती हैं। सरकारी अराजकता ने प्रदेश में हजारों बच्चों का बचपन छीना है और उन्हें भी पलायन की त्रासदी का अंग बना दिया है।
सरकार की इससे ज्यादा अक्षमता का प्रमाण क्या मिल सकता है कि समय से निर्णय नहीं कर सकी। लाखों श्रमिक पैदल मारे-मारे पैदल चलने को मजबूर हुए। उनमें से सैकड़ों तो रास्ते में ही मर गये। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि लाचार श्रमिकों को अपने ही गृह राज्य में उत्पीड़न और अपमानित होना पड़ रहा है।
मुख्यमंत्री जी की टीम इलेवन की बैठकों का नतीजा आज तक अमल में नहीं आया। कोरोना पीड़ितों की संख्या में लगातार वृद्धि तो होती जा रही है। टीम इलेवन के कारण पूरा प्रशासन पस्त हो गया है। सरकारी मशीनरी निष्क्रिय है। पुलिस करे तो क्या करे, उन्हें कुछ सूझता नहीं है।
सपा की मांग है कि श्रमिक कामगार की किसी भी हादसे में मौत पर प्रत्येक के परिजन को दस लाख रूपयें की आर्थिक मदद तत्काल दें। सरकार की यह जिम्मेदारी है कि मजदूरों को गंतव्य स्थल तक सम्मानपूवर्क एवं सुविधा से पहुंचायें, और उनके जीवनयापन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये।
प्रदीप
वार्ता
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