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मंदिरो के खुले कपाट, आराध्य का दर्शन कर तृप्त हुए श्रद्धालु

मंदिरो के खुले कपाट, आराध्य का दर्शन कर तृप्त हुए श्रद्धालु

प्रयागराज,08 जून (वार्ता) आध्यात्मिक और न्यायिक नगरी तीर्थराज प्रयाग में 75 दिनों के लॉकडाउन से आराध्य के दर्शन को तरस रहे भक्तों की मुराद सोमवार को मंदिरों के कपाट खुलने के बाद पूजा-आरती कर पूरी हो गई।

प्रयागराज के सिविल लाइंस हनुमान मंदिर, बंधवा स्थित हनुमान मंदिर, अलोपी बाग मंदिर, मनकामेश्वर, सोमेश्वरनाथ मंदिर, पांड़िला महादेव मंदिरों में श्रद्धालुओं ने अपने आराध्य की आरती उतारी। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए 75 दिन के बाद भक्तों ने अपने आराध्य का दर्शन कर तृप्त हुए हालांकि मंदिरों में घंटे नहीं बजे। सभी श्रद्धालुओं ने मास्क पहने थे। सफेद गोले में ही लोग खड़े थे। भक्तों ने दर्शन के लिए विशेष अरघा बनाया गया जिसके माध्यम से लोगों ने भगवान का जलाभिषेक किया।

कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिये घोषित लॉकडाउन से मंदिरों को बंद किया गया था। संगम स्थित बड़े हनुमान मंदिर का कपाट श्रद्धालुओं के लिए 25 मार्च से बंद कर दिए गए थे जिसके बाद सोमवार को फिर से भगवान के दीदार करने का मौका श्रद्धालुओं को मिला क्योंकि अभी संक्रमण का डर है इसलिये मंदिर प्रशासन को कई सारी हिदायतों के साथ मंदिर खोलने की अनुमति दी गई है।

मंदिर के मंहत नरेन्द्र गिरी ने बताया कि मंदिर की ओर से निर्मित प्रसाद-भोग ही चढ़ेगा। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा है कि कोई भी भक्त बाहरी प्रसाद एवं अन्य वस्तु लेकर मंदिर के अंदर प्रवेश नहीं कर सकेगा। मंदिर में एक साथ पांच लोग ही दर्शन कर सकेंगे। कोई भी दर्शनार्थी मूर्ति को स्पर्श नहीं करेगा। प्रसाद-भोग मंदिर के पुजारी को दिया जाएगा, जो उसे चढ़ाने के बाद लौटाएंगे।

मंदिर में सेनेटाइजेशन की दो टनल लगायी गयी हैं जिससे गुजर कर श्रद्धालु मंदिर परिसर में पहुंच रहे हैं। प्रतिदिन दर्शन करने वालों के लिए पास की भी व्यवस्था की जाएगी।

मंदिर प्रशासन ने भी श्रद्धालुओं की भावनाओं और उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई इंतजाम किये हैं। कई मंदिरों में तो घंटों को बजाने पर प्रतिबंध हैं तो कई जगह उनको उतार लिया गया है तो कई जगह घंटों को कपड़ों से बांध दिया है। इसके साथ अन्य धार्मिक स्थल गुरूद्वारा, मस्जिद एवं चर्च के कपाट भी श्रद्धालुओं के लिए खुल गए। दिनेश प्रदीप

वार्ता

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