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पुलिस भर्ती में मेडिकल जांच के आदेश का कोर्ट को है अधिकार

प्रयागराज, 09 जून (वार्ता) इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा है कि यदि पुलिस भर्ती बोर्ड शारीरिक मानक सत्यापन टेस्ट के खिलाफ आपत्ति पर दुबारा टेस्ट कराने में विफल रहता है तो अदालत को जांच कराने का आदेश देने का अधिकार है।
न्यायालय ने कहा कि पुलिस भर्ती नियमावली से स्पष्ट है कि शारीरिक मानक सत्यापन टेस्ट से असंतुष्ट अभ्यर्थी यदि उसी दिन आपत्ति करता है तो बोर्ड अपर पुलिस अधीक्षक की उपस्थिति में डाक्टरों के पैनल से दुबारा टेस्ट करायेगा। यदि ऐसा नहीं किया जाता तो न्यायालय मेडिकल बोर्ड को जांच करने का आदेश दे सकती है।
अदालत ने सरकार की दुबारा जांच का निर्देश देने के उच्च न्यायालय के अधिकार पर उठायी गयी आपत्ति को खारिज कर दिया है और सीएमओ गोरखपुर की शारीरिक मानक सत्यापन जांच रिपोर्ट के आधार पर याचियो को चयन के अगले स्टेज में शामिल करने और मेरिट में आने पर चयनित करने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति आर एन तिलहरी ने जितेन्द्र कुमार सिंह एवं सात अन्य की याचिका पर यह आदेश दिया है।
न्यायालय ने आठ याचियो में से एक याची दुबारा जांच के लिए नही आया । इसलिए उसकी याचिका खारिज कर दी तथा शेष सात याचियो को अगले स्टेज में शामिल करने का निर्देश दिया है।
गौरतलब है कि याची पुलिस भर्ती 2018 की लिखित परीक्षा में सफल हुए और उनकी शारीरिक मानक सत्यापन परीक्षा हुई जिसमें उनकी लंबाई 168 सेंटीमीटर से कम होने के कारण अनफिट कर दिया गया। उन्होंने टेस्ट पर आपत्ति करते हुए दुबारा जांच की मांग की, लेकिन भर्ती बोर्ड ने कोई निर्णय नहीं लिया। इस कारण उन्हें उच्च न्यायालय की शरण लेनी पड़ी।
न्यायालय के आदेश पर सीएमओ,एक प्रोफेसर एवं एसोसिएट प्रोफेसर की डाक्टरो की टीम ने अपर पुलिस अधीक्षक की उपस्थिति में जांच की। सीएमओ की रिपोर्ट में कहा गया कि एक को छोडकर ,जो टेस्ट के लिए आया ही नही, शेष सात की लंबाई 168 सेमी या अधिक है। इस रिपोर्ट को बोर्ड ने कही चुनौती भी नही दी है।
सरकार की तरफ से कहा गया कि बोर्ड द्वारा गठित मेडिकल बोर्ड को जांच का अधिकार है। उसकी राय अंतिम है। उच्च न्यायालय को दुबारा जांच का आदेश देने का अधिकार नहीं है हालांकि न्यायालय ने इस तर्क को खारिज कर दिया और याचियो को चयन प्रक्रिया के अगले स्टेज की शारीरिक दक्षता परीक्षा में शामिल करने का आदेश दिया है और छह हफ्ते में प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश भी दिया है।
सं दिनेश प्रदीप
वार्ता
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