राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Jul 2 2020 9:11PM महोबा में 14 साल पुराने करोड़ो के बिजली घोटले में आठ पर मुकदमा दर्जमहोबा,02 जुलाई (वार्ता) उत्तर प्रदेश में महोबा जिले के चौदह साल पुराने बहुचर्चित बिजली घोटाले में आज विद्युत विभाग के दो अधिशाषी अभियंताओं समेत आठ लोगो के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज किया गया है। अपर पुलिस अधीक्षक वीरेंद्र कुमार ने यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ग्रामीण इलाको में रोशनी बिखेरने के लिए वर्ष 2005.06 में भारत सरकार की राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना आरम्भ कराई गई थी। इसकेतहत गांवों में खंभे और तार स्थापित कराके लोगों को कनेक्शन प्रदान किये जाने थे। लेकिन यह महत्वपूर्ण योजना विभागीय अधिकारियों के भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई थी। उन्होंने बताया कि कार्यदायी संस्था द्वारा योजना को सही तरीके से अमलीजामा पहनाने की बजाय अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके सरकारी धन को ठिकाने लगाने का काम किया गया। प्रकरण में भ्रष्टाचार की शिकायतें सूबे के लगभग 12 जिलों से प्राप्त हुई थी। तब मामले की जांच उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान को सौंपी गई थी। अपर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि बिजली विभाग में प्रदेश स्तर पर किये गए लगभग 1600 करोड़ रुपये के इस बड़े घोटाले में बुंदेलखंड का महोबा जिला भी सम्मलित रहा। जिसके चलते सतर्कता अधिष्ठान झांसी के निरीक्षक रामऔतार वर्मा ने गुरुवार को सदर कोतवाली में तत्कालीन दो अधिशाषी अभियंता नन्हू सिंह एवं रमेश चंद्र के अलावा दो सहायक अभियंता चतुर सिंह व रघुबीर प्रसाद, तीन अवर अभियंताओं सत्यम गौड़, एस पी सिंह तथा शिवम जौहरी सहित कुल आठ लोगो पर आईपीसी की धारा 420, 409, 408, 120 बी तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कराया है। आरोपियों में आंध्रप्रदेश के हैदराबाद की सामग्री आपूर्ति करने वाली आईबीआरसीएल नामक फर्म भी है। पुलिस ने मामला पंजीकृत करके जांच शुरू की है। अधिशाषी अभियंता नन्हू सिंह व सहायक अभियंता रघुबीर प्रसाद सेवानिवृत्त हो चुके है।सं त्यागीवार्ता