राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Jul 18 2020 5:24PM इटावा सफारी बन गई है लैपर्ड शिशुओं की पालनहारइटावा, 18 जुलाई(वार्ता) उत्तर प्रदेश के बीहड़ों में स्थापित इटावा सफरी लैपर्ड शिशुओं की पालनहार बन गई है। इटावा सफ़ारी पार्क के निदेशक वी.के. सिंह ने शनिवार को यहां बताया कि इटावा सफारी में मां के द्वारा छोड़े गए और जंगल से भटककर शहर में आए लैपर्डों की भलीभांति देखरेख की जा रही है। घायल लैपर्डो का उपचार करके उन्हें सेहतमंद बनाया जा रहा है। अभी पिछले दिनों बिजनौर से रेस्क्यू करके लाया गया 27 दिन का लैपर्ड शिशु सफारी में मस्ती कर रहा है। इससे पहले भी पिछले महीने अमरोहा से ही एक लैपर्ड शिशु यहां लाया जा चुका है। अमरोहा में एक लैपर्ड शिशु को उसकी मां ने छोड़ दिया और यह शिशु अकेला था। वन विभाग ने इस लैपर्ड का रेस्क्यू करके इटावा सफारी भेज दिया। यहां सफारी में लाए जाने के बाद डाॅ0 गौरव श्रीवास्तव तथा आरपी वर्मा तथा कीपरों की देखरेख में यह शिशु लैपर्ड सेहतमंद है और मस्ती कर रहा है। श्री सिंह ने बताया कि यह शिशु सेहतमंद है और अच्छी तरह से इसका पालनपोषण किया जा रहा है। इससे पहले जो लैपर्ड शिशु लाया गया था वह भी स्वस्थ है। उन्होने कहा कि सफारी में इनकी बेहतर तरीके से देखभाल की जा रही है। इटावा सफारी में लैपर्ड सफारी भी बनाई गई है लेकिन इसे अभी तक पर्यटकों के लिए खोला नहीं गया है। इसकी तैयारी चल रही है। इस बीच सफारी में अमरोहा व बिजनौर से रेस्क्यू करके तीन और लैपर्ड लाए गए है। पिछले वर्ष बहराइच में आतंक मचाने वाला लैपर्ड भी सफारी में है। इसे तो घायलावस्था में लाया गया था लेकिन अब यह सेहतमंद है। लैपर्ड सफारी को पर्यटकों के लिए खोले जाने से पहले पांच लैपर्ड कानपुर चिड़ियाघर से लाए जाने हैं। योजना यह है कि इन पांच लैपर्ड को ही सफारी में पर्यटकों के दीदार के लिए छोड़ा जाएगा। इससे पहले लखनऊ से तीन लैपर्ड लाए जा चुके हैं और चार लैपर्ड अलग अलग समय में रेस्क्यू करके लाए गए हैं। फिलहाल सफारी में सात लैपर्ड हैं। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने साल वर्ष 2003 के अपने मुख्यमंत्री काल में इटावा के बीहड़ों में इटावा सफारी पार्क का सपना देखा था जिसको साल वर्ष 2012 में उनके बेटे अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री बनने के बाद पूरा किया है। पिछले साल 24 नवंबर को इटावा सफारी पार्क का शुभारंभ जोर शोर से कर दिया गया है लेकिन अभी ना तो लायन सफारी और ना ही लेपर्ड सफारी को आम जनमानस के लिए खोला गया है । इसी वजह से अभी शेरों को और लैपडो को पर्यटक नही देख पा रहे है । सं भंडारीवार्ता