राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Jul 28 2020 7:38PM सीडीआरआई की दवा का अगले महीने क्लीनिकल ट्रायललखनऊ 29 जुलाई (वार्ता) कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज के लिये सेंट्रल ड्रग्स रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीडीआरआई) द्वारा निर्मित दवा ‘यूमीफेनोविर’ का क्लीनिकल ट्रायल अगस्त में शुरू किया जायेगा। संस्थान के निदेशक प्रो तापस कुंदू ने मंगलवार को बताया कि अगस्त के पहले सप्ताह में संस्थान में दवा पहुंचेगी जिसके तुरंत बाद मरीजों की भर्ती शुरू कर दी जायेगी। उन्होने बताया कि क्लीनिकल ट्रायल किंग जार्ज मेडिकल यूनीवर्सिटी (केजीएमयू), डा राम मनोहर लोहिया आर्युविज्ञान संस्थान और एरा मेडिकल कालेज अस्पताल में शुरू किया जायेगा। उन्होने बताया कि संस्थान के वैज्ञानिकों ने दवा संश्लेषित कर ली है और इसकी तकनीक निजी कंपनी को हस्तांतरित कर दी गयी है जो बड़े पैमाने पर टेबलेट बना रही है। उन्होने बताया कि दवा कोरोना के इलाज और बचाव दोनो में सहायक सिद्ध होगी। गौरतलब है कि सीडीआरआई पहले ही ड्रग कंट्रोलर जनरल आफ इंडिया से क्लीनिकल ट्रायल की अनुमति ले चुका है। प्रो कुंदू ने कहा कि कोविड-19 के इलाज के लिये यह सस्ती दवाओं में एक होगी। क्लीनिकल ट्रायल में दवा को उसके प्रभाव, सहनशीलता और सुरक्षा के मानकों पर परखा जायेगा। उन्होने दावा किया कि दवा कोरोना के इलाज में असरकारक सिद्ध होगी। दवा मानव कोशिकाओं में संक्रमण के प्रभाव को राेकने में मददगार होगी जबकि रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत करेगी। उन्होने कहा कि यूमीफेनाेविर इंफ्ल्यूऐंजा के इलाज में काम आती है और चीन एवं रूस में उपलब्ध है। कोरोना मरीजों के इलाज के लिये हाल ही में इसका प्रयोग बढा है। भारतीय मरीजों में इसकी क्षमता का आकलन करने में सीडीआरआई ने क्लीनिकल ट्रायल का फैसला किया। सीएसआईआर और सीडीआरआई के निदेशक ने कहा कि दवा के लिये सभी सामग्री देश में ही उपलब्ध है। अगर यह ट्रायल सफल रहता है तो यह दवा सुरक्षित,प्रभावशाली होने के साथ बाजिव कीमत में मरीजों को उपलब्ध होगी और इसे कोविड 19 के खिलाफ राष्ट्रीय कार्यक्रम का हिस्सा बनाया जा सकता है।प्रदीपवार्ता