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राम मंदिर निर्माण के लिये मुसलमानो ने भी उठाई थी आवाज़

रामपुर 02 अगस्त (वार्ता) उत्तर प्रदेश में राम की नगरी अयोध्या में पांच अगस्त को होने वाले भूमि पूजन के साथ सदियों पुराना सपना पूरा हो जायेगा लेकिन कम ही लोगों को पता होगा कि रामपुर के मुसलमानो ने मंदिर निर्माण के समर्थन में दिल्ली के जंतर मंतर में आवाज उठायी थी।
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के बैनर तले रामपुर के मुसलमान श्रीमान मंदिर निर्माण के समर्थन में दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरने में शामिल हुए थे। भव्य राम मंदिर की मांग की मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के तत्कालीन ज़िला संयोजक फैसल मुमताज़ के नेतृत्व में दर्जनों मुसलमानों ने कार्यक्रम में शिरकत की थी। देश में पहली बार ऐसा हुआ था की देश के मुसलमान पहली बार किसी इतनी जटिल समस्या के समाधान की लीड कर रहे थे। इनका नारा था “मुसलमानों ने ठाना है झगड़े को हमेशा के लिए मिटाना है।”
इस धरने को रामपुर की टोली का नेतृत्व करने वाले मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के रोहेलखण्ड प्रांत संयोजक फैसल मुमताज़ ने कहा कि मंच के नेतृत्व में देश भर के मुसलमानो जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन किया था और भव्य मंदिर निर्माण की मांग की थी जिसमे में रामपुर के मुसलमान भी शामिल हुए थे।
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने श्रीमान मंदिर निर्माण में सहयोग करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर जन-जागरण अभियान चलाया था। मंच के पदाधिकारियों ने देश भर में यात्राएं की थी। ये यात्रा रामपुर भी आई जिसे प्रमुख राष्ट्रीय संयोजक मोहम्मद अफ़ज़ाल, मंच की तरफ से बनाई गई श्रीराम मंदिर कमेटी के वाइस चेयरर्मैन इस्लाम अब्बास, प्रदेश संयोजक हाजी ज़हीर अहमद ने नगर एवं तहसीलों में सभाऐं की थी।
मुस्लिम समुदाय के लोगों का समझाया था कि अयोध्या में भगवान राम का जन्म हुआ। उस जगह राम मंदिर ही बनना चाहिए। मुसलमानों को चाहिए कि बाबर के अपराध को धिक्कारें, देश के मुसलमान दिल बड़ा करते हुए आए और श्रीराम मंदिर बनवाने में अपना सहयोग करें। हदीस यह कहती ही जहाँ विवाद हो उस जगह इबादत नही ही सकती।
सं प्रदीप
वार्ता
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