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कानपुर के एक अस्पताल के खिलाफ मामले की सुनवाई दो सितम्बर को

प्रयागराज, 01 सितम्बर (वार्ता) इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कानपुर नगर के एक अस्पताल के खिलाफ साढे 14 लाख के इलाज खर्च का बकाया परिजनों के जमा न करने पर कोरोना मरीज का शव परिवार को न सौपने के मामले की सुनवाई दो सितम्बर को होगी।
जिलाधिकारी कानपुर ने अस्पताल, मृतक के रिश्तेदारों और सिटी मजिस्ट्रेट के बयान लेकर उच्च न्यायालय में रिपोर्ट दाखिल की है। न्यायालय ने रिपोर्ट को अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल को देते हुए पक्ष रखने को कहा है।
न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा तथा न्यायमूर्ति अजित कुमार की खंडपीठ ने कंचन श्रीवास्तव की याचिका पर यह आदेश दिया है ।
याचिका अधिवक्ता सुनील कुमार की अर्जी पर कायम की गयी है। याची का कहना है कि 11 लाख रूपये जमा करने के बाद अस्पताल ने साढ़े 14 लाख रूपये जमा करने के बाद ही शव देने की शर्त रखी है। इस खबर को लेकर दाखिल अर्जी पर कायम जनहित याचिका पर कोर्ट ने जिलाधिकारी कानपुर नगर से जांच रिपोर्ट मांगी थी।
यूपी में कोरोना वायरस महामारी की गंभीरता को देखते हुए उच्च न्यायालय की यही बेंच इस महामारी पर नियंत्रण कैसे हो, इसे लेकर सुनवाई कर रही है। न्यायालय ने यूपी में कोरोना वायरस महामारी के चलते खराब हालत को देखते हुए सरकार से पूछा है कि वह बताएं कि ऐसा क्या किया जाय कि केंद्र सरकार के निर्देश के अनुरूप लोग मास्क पहनने लगे ।
सं दिनेश प्रदीप
वार्ता
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