राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Sep 18 2020 7:31PM एनजीओ को गांव सभा की जमीन देने का आदेश रद्द करने को चुनौतीप्रयागराज 18 सितंबर (वार्ता) इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 1985 में गांव सभा की जमीन एनजीओ को पट्टे पर देने के आदेश को निरस्त करने की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर राज्य सरकार से चार हफ्ते में जवाब मांगा है। कोर्ट ने याचिका को सुनवाई के लिए 6 सप्ताह बाद पेश करने का आदेश भी दिया । न्यायमूर्ति एस पी केशरवानी तथा न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की खंडपीठ ने डाक्टर बी आर अंबेडकर मल्टीपर्पज रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट एसोसिएशन की याचिका पर यह आदेश दिया । याची का कहना था कि उसे जिलाधिकारी ने 20 जुलाई 1985 को जमीन दी थी। जिलाधिकारी मैनपुरी ने 9 सितम्बर 2020 के आदेश से आवंटन निरस्त कर जमीन गांव सभा को वापस कर दी। इसी आशय का आदेश राज्य सरकार ने भी दिया है। अपर महाधिवक्ता नीरज त्रिपाठी व ए सी एस सी शशांक शेखर सिंह का कहना था कि उत्तर प्रदेश जमींदारी उन्मूलन एवं भूमि सुधार कानून की धारा 117(6) के तहत जिलाधिकारी को गांव सभा की जमीन किसी स्वयं सेवी संस्था को देने का अधिकार नही है। इसलिये 20 जुलाई 1985 का आदेश शुरू से ही विधि विरूद्ध है। ऐसे में उसे निरस्त करने का आदेश सही है। उन्होंने कोर्ट से याचिका पर जवाब दाखिल करने का समय मांगा है।सं विनोद वार्ता