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कृषि एवं श्रम कानून के विरोध में सपा सौपेंगी ज्ञापन

लखनऊ 24 सितम्बर (वार्ता) संसद के मानसून सत्र में पारित कृषि एवं श्रम कानूनों के विरोध में समाजवादी पार्टी (सपा) शुक्रवार को सभी जिलों में राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपेगी।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने गुरूवार को कहा कि श्री अखिलेश यादव के निर्देश पर 25 सितम्बर को पार्टी सभी जिलों में शारीरिक दूरी बनाए रखते हुए किसानों एवं श्रमिकों के हितों पर आघात पहुंचाने वाले कृषि एवं श्रम कानूनों के विरोध में जिलाधिकारी के माध्यम से राज्यपाल को सम्बोधित ज्ञापन सौपेगी।
उन्होने कहा कि किसानों के हितों की अनदेखी करने वाला जो कृषि विधेयक मोदी सरकार लाई है उससे किसान अपनी जमीन का मालिक न रहकर मजदूर हो जाएगा। कृषि उत्पादन मण्डी की समाप्ति और विधेयक में न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलना सुनिश्चित न होने से किसान अब औनेपौने दामों पर अपनी फसल बेचने को मजबूर होगा। गेहूं, धान की फसल को आवश्यक वस्तु अधिनियम से हटाये जाने से किसान को बड़े आढ़तियों और व्यापारिक घरानों की शर्तों पर अपनी फसल बेचना मजबूरी होगी। समाजवादी पार्टी किसानों की आवाज दबने नहीं देगी।
श्री पटेल ने कहा कि संसद से पारित श्रमिक कानून से श्रमिकों के हित बुरी तरह प्रभावित होंगे। अभी तक 100 कर्मचारियों वाले उद्योगों को बिना सरकारी अनुमति छंटनी का अधिकार नहीं था, नया कानून 300 कर्मचारियों वाले उद्योगों को भी जब चाहे छंटनी करने का अधिकार दे रहा है। इससे श्रमिकों में असुरक्षा की भावना बढ़ेगी और वे अपनी जायज मांग भी नहीं उठा सकेंगे। उद्योगपति के वे बंधुआ मजदूर रह जाएंगे।
भाजपा सरकार के प्रति इन जनविरोधी कानूनों को लेकर भारी आक्रोश व्याप्त है। किसान जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे हैं। भाजपा सरकार श्रमिकों को रोजगार तो दे नहीं पा रही है, उल्टे उनको पूंजी घरानों की दया पर आश्रित बनाने की साजिश कर रही है। समाजवादी पार्टी इन साजिशों का पुरजोर विरोध करेगी।
प्रदीप
वार्ता
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