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न्यायालय दूसरी लीड विवादित ढांचा फैसला चार अंतिम लखनऊ

गौरतलब है कि छह दिसम्बर 1992 को बाबरी मस्जिद गिराये जाने के बाद पहली एफआईआर अज्ञात कारसेवकों के खिलाफ क्रिमिनल ला एमेंडमेंट एक्ट के तहत दर्ज की गयी थी। इसके दस मिनट बाद दूसरी प्राथमिकी लालकृष्ण आडवाणी,उमा भारती,विनय कटियार,विष्णु हरि डालमिया और साध्वी ऋतंभरा के खिलाफ धारा 153ए,153 बी,505 के तहत दर्ज की गयी थी। यह एफआईआर घृणाप्रद और भड़काऊ भाषण को लेकर की गयी थी।
इसके बाद 47 और एफआईआर दर्ज करायी गयी जिसमें पत्रकारों पर हमले और तोडफोड एवं आगजनी से सबंधित थी। कई पत्रकारों के कैमरे तोड दिये गये थे। सभी एफआईआर अयोध्या में रामजन्मभूमि थाने में दर्ज करायी गयी थी। कई सालों तक कानूनी अड़चनों और जटिलताओं के बाद 2017 से सुनवाई मे तेजी आयी। आरोप तय किये गये और संयुक्त चार्जशीट तैयार हुयी। इस बीच कल्याण सिंह के राजस्थान के राज्यपाल मनोनीत होने के चलते सुनवाई रोक दी गयी क्योंकि वह एक संवैधानिक पद में थे।
हालांकि पिछले साल श्री सिंह के राज्यपाल के पद से हटने के बाद सुनवाई दोबारा शुरू हुयी। पिछले महीने लाल कृष्ण आडवाणी,कल्याण सिंह,मुरली मनोहर जोशी,उमा भारती,विनय कटियार और चंपत राय के बयान दर्ज किये गये थे। सितम्बर के पहले सप्ताह में सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने फैसले के लिये 30 सितम्बर की तारीख तय की थी।
प्रदीप
वार्ता
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