राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Oct 1 2020 9:54PM हाथरस घटना पर उच्च न्यायालय सख्त,आला अधिकारियों को नोटिसलखनऊ 01 अक्टूबर (वार्ता) इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने हाथरस दुष्कर्म कांड मामले में सख्त रुख अख्तियार करते हुए स्वत: संज्ञान लिया है। न्यायालय ने गुरुवार को घटना पर चिंता व्यक्त करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार के शीर्ष अधिकारियों और हाथरस के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी किया है। अदालत ने पीड़िता के साथ हाथरस पुलिस के कथित बर्बर, क्रूर और अमानवीय व्यवहार पर राज्य सरकार से भी प्रतिक्रिया मांगी है। इस मामले की सुनवाई 12 अक्टूबर को होगी। न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की खंडपीठ ने इस मुद्दे का स्वत: संज्ञान लेते हुए यह आदेश दिया है। अदालत ने हाथरस की घटना पर सख्त निर्देश देते हुए हाथरस पुलिस और प्रशासन के कृत्य पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। न्यायालय ने इस घटना पर राज्य सरकार से भी प्रतिक्रिया मांगी है। इसके साथ ही प्रमुख सचिव गृह, डीजीपी, एडीजी कानून और व्यवस्था, हाथरस डीएम और एसपी को नोटिस जारी कर उन्हें अगली सुनवाई पर तलब किया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर हाथरस दुष्कर्म मामले में सचिव गृह भगवान स्वरूप की अध्यक्षता में गठित तीन सदस्यीय एसआइटी जांच कर रही है। एसआइटी पुलिस भूमिका की भी जांच करेगी। एसआइटी में महिला अधिकारी एसपी पूनम भी शामिल हैं। हाथरस की घटना को लेकर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात कर दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई किए जाने की बात कही थी। गौरतलब है कि हाथरस दुष्कर्म मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को पत्र भेजकर इस समूचे घटनाक्रम की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की गयी है। पत्र में विशेष जांच एजेंसी को जांच ट्रांसफर करने की भी मांग की गयी है। अधिवक्ता गौरव द्विवेदी ने मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर को पत्र भेजकर उनसे प्रार्थना की है कि वह 14 सितंबर को हुए इस दुष्कर्म मामले का स्वत: संज्ञान लेकर युक्ति-युक्त निर्देश जारी करें। पत्र में अधिवक्ता ने लिखा है कि चार लोगों ने दुष्कर्म के बाद गला दबाकर मारने की कोशिश की थी। यह घटना प्रदेश की कानून व्यवस्था की खराब दशा को भी उजागर कर रही है। प्रदेश में कानून का शासन है, जनता के मन में ऐसा विश्वास पैदा करने के लिए आवश्यक है। इस दुष्कर्म मामले की जांच किसी निष्पक्ष एजेंसी से कराई जाए, ताकि समूचे घटना की सही जांच संभव हो सके।सं प्रदीपवार्ता