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रोजाना करें तीन ग्राम आयोडीन नमक का सेवन: डॉ़ ए के जैन

झांसी 21 अक्टूबर (वार्ता) विश्व आयोडीन अल्पता दिवस के अवसर पर बुधवार को उत्तर प्रदेश के झांसी में चिकित्सक समुदाय ने लोगों की आयोडीन की कमी से होने वाले विकारों के संबंध में जागरूक साथ ही रोजाना तीन ग्राम आयोडीन नमक के सेवन की अपील की।
इस अवसर पर जन जागरूकता संदेश देते हुये अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ॰ एन के जैन ने बताया कि कि हर साल इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य यह है कि आयोडीन की कमी से होने वाले विकारो के प्रति लोगो में जागरूकता लाई जा सके क्योंकि आयोडीन युक्त नमक न खाने की वजह से बच्चों का शारीरिक एवं मानसिक विकास रुक जाता हैं और वह मंदबुद्धि के होते हैं।
इसके अलावा भारत की मिट्टी में आयोडीन न होने के कारण गर्भवती महिलाओं एवं नवजात बच्चों को आयोडीन अल्पता विकार का खतरा होता हैं। इसी को ध्यान में रखते हुये भारत दुनिया भर के देशों में से पहला एक ऐसा देश हैं, जिसने आयोडीन युक्त नमक द्वारा आयोडीन की कमी से उत्पन्न विकारों को रोकने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रम शुरू किया, ताकि आयोडीन की कमी से होने वाले विकारो से लोगों को बचाया जा सकें।
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 2015-16 (एनएफएचएस-4) के अनुसार जिले में अभी भी लगभग 13.8 प्रतिशत ऐसे परिवार है जो आयोडीन युक्त नमक का इस्तेमाल नहीं करते है, जिसके लिए लोगों में जागरूकता लाना बहुत जरूरी हैं, जिससे कि उन्हे आयोडीन की कमी से होने वाली समस्याओं से बचाया जा सकें।
स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी डॉ॰ विजयश्री शुक्ला ने बताया कि थाइराइड हार्मोन के स्तर में कमी होने से महिलाओं में नियमित रूप से मासिक धर्म बनाए रखने वाला हार्मोन भी प्रभावित हो जाता है। जिससे मासिक धर्म अनियमित हो जाते है या अधिक रक्तश्राव होने लगता है। यह सभी आयोडीन में कमी होने के संकेत भी हो सकते है, इसलिए हमेशा आहार में आयोडीन युक्त नमक का सेवन करे। परंतु ध्यान दे कि प्रतिदिन 3 ग्राम ही नमक का सेवन करे। वही विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 6 से 12 वर्ष के बच्चों को प्रतिदिन 120 माइक्रो ग्राम नमक का सेवन करना चाहिए।
आयोडीन एक माइक्रोपोषक तत्व है जिसकी शरीर के विकास के लिए बहुत थोड़ी मात्रा में आवश्यकता होती हैं। आयोडीन थायराइड प्रक्रिया के लिए भी बहुत ज़रूरी है। थायराइड ग्रंथि गर्दन के सामने होती है और यह उन हार्मोन्स का उत्पादन करती है जो शरीर के मेटाबोलिज्म को नियंत्रित करते हैं। यह मेटाबॉलिक स्तर खाने को पचाने, भोजन को ऊर्जा में परिवर्तित करने तथा सोने के चक्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं।
सोनिया
वार्ता
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