Thursday, Apr 25 2024 | Time 17:48 Hrs(IST)
image
राज्य » उत्तर प्रदेश


शरद पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने संगम में लगाई आस्था की डुबकी

प्रयागराज, 30 अक्टूबर (वार्ता) शरद पूर्णिमा के अवसर पर पतित पावनी गंगा, श्यामल यमुना और अन्त: सलिल स्वरूप में प्रवाहित सरस्वती के त्रिवेणी में शुक्रवार को सैकडों की संख्या में श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगायी।
वैश्विक महामारी के कारण हालांकि दूर दराज से श्रद्धालुओं का बडा जत्था स्नान करने नहीं पहुच सका लेकिन आसपास के रहने वाले श्रद्धालुओं ने संगम सहित गंगा नदी के विभिन्न घाटों पर आस्था की डुबकी लगाने के बाद श्रद्धालुओं ने पूजा किया। शरद पूर्णिमा पर संगम में स्नान करना बेहद पवित्र माना जाता है।
दारागंज क्षेत्र के रहने वाले राधाकांत मिश्र और उनकी पत्नी सरोजा देवी ने बताया कि हर साल शरद पूर्णिमा पर संगम के साथ अन्य घाटों पर बड़ी संख्या में दूर दराज से आकर श्रद्धालु स्नान करते थे। लेकिन कोरोना के डर ने लोगों को तीज ,त्यौहार और पवित्र स्नान पर एक साथ जुड़ने पर रोक लगा दिया। श्री राधाकांत ने बताया शरद पूर्णिमा पर संगम में स्नान करना बहुत महत्वपूर्ण होता है। स्नान करने के बाद दान करने से आज विशेष फल मिलता है। धर्मावलंबी गंगा, यमुना एवं सरस्वती के संगम के पावन जल में डुबकी लगाने के लिए दूर.दूर से प्रयागराज आते हैं।
तेलियरगंज से बेटे के साथ स्नान करने पहुंची राधिका देवी (60) का कहना है कि दूर दराज से बड़ी संख्या में आने वाले लोग कोरोना के डर के कारण नहीं पहुंच रहे हैं। उन्होने बताया कि अभी तक माघ मेले की तैयारी काफी हो चुकी रहती थी लेकिन इस साल इसका आयोजन भी होगा कि नहीं कुछ पता नहीं चल रहा है। माघ मेले में लोग एक महा तक कल्पवास करते हैं। उन्होने बताया कि मेले का आयोजन नहीं होगा तो कल्पवासी भी कल्पवास करने से वंचित रह जाऐंगे। ऐसी स्थिति में सदियों से गंगा किनाने कल्पवास करने की परंपरा टूट जाएगी। उन्होने कहा कि गंगा माइया से अर्चना किया कि कोरोना को जल्द भगाएं और तीर्थराज प्रयाग की सदियाें से चली आ रही कल्पवास की परंपरा को टूटने से बचायें।
पौराणिक मान्यता है कि इस खीर में अमृत का अंश होता है, जो आरोग्य सुख प्रदान करता है। इसलिए स्वास्थ्य रूपी धन की प्राप्ति के लिए शरद पूर्णिमा के दिन खीर जरूर बनानी चाहिए और रात में इस खीर को खुले आसमान के नीचे जरूर रखना चाहिए। शरद पूर्णिमा की रात्रि में आसमान से जो अमृत वर्षा होती है, वह खीर पर पड़ती है और खीर अमृत के समान बन जाता है। ऐसा कहा जाता है कि खीर चांदी के पात्र में रखनी चाहिए। चंद्र देवता खीर पर अपनी कृपा बरसाते हैं और उसे अमृतमयी बना देते हैं।
चांदनी में रखी हुई खीर शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाती है। शरद पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता है शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा, माता लक्ष्‍मी और भगवा विष्‍णु की पूजा का विधान है।
दिनेश प्रदीप
वार्ता
More News
जनता की संपत्ति हड़पने से पहले विपक्ष का मोदी से निपटना पड़ेगा: मोदी

जनता की संपत्ति हड़पने से पहले विपक्ष का मोदी से निपटना पड़ेगा: मोदी

25 Apr 2024 | 5:08 PM

आगरा, 25 अप्रैल (वार्ता) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस और इंडिया समूह पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि ये लोग जनता की संपत्ति हड़पने की साजिश रच रहे हैं। उनकी योजना है कि विरासत टैक्स लगाकर जनता की आधी संपत्ति पर कब्जा कर लिया जाए। ऐसा कोई भी पाप करने से पहले उनको मोदी से निपटना पड़ेगा।

see more..
image