राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Jan 10 2021 1:37PM बरेली के सीएआरआई में अभेद्य हुआ जैविक सुरक्षा कवचबरेली 10 जनवरी (वार्ता) उत्तर प्रदेश में बरेली के केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान (सीएआरआई) में बर्ड फ्लू के बचाव के लिए जैविक सुरक्षा की सभी व्यवस्था की गई है। आसमान में उड़ने वाले बाहरी पक्षियों के पीने पानी के सभी स्रोत बंद कर दिए गए हैं। सीएआरआई परिसर में युद्ध स्तर पर रिफ्लेक्टर लगाए जा रहे हैं। संस्थान के कार्यवाहक निदेशक डॉक्टर संजीव कुमार ने रविवार को बताया कि संस्थान के सबसे अहम प्रयोगात्मक ब्रायलर प्रक्षेत्र में कुक्कुट प्रजाति की सुरक्षा के लिए प्रवेश द्वार पर पैदल जाने वालों के जूते भी रोगाणुमुक्त करने की व्यवस्था की गई है। इसके लिए महज एक सेंटीमीटर गहरा वाटर सोर्स बनाया है ,जिसमें केमिकल डाला गया है। अंदर जाने वाले वैज्ञानिक या कर्मचारी यहां से गुजरेंगे तो उनके जूते सोर्स होंगे। बरेली के सीएआरआई में 40000 पक्षी पांच प्रजातियों के हैं। इन पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। कोई भी बाहरी पक्षी आसमान से सीआरआई परिसर के अंदर प्रयोगात्मक ब्रायलर प्रक्षेत्र में प्रवेश न कर पाए इसके लिए युद्ध स्तर पर रिफ्लेक्टर जमीन में वह जमीन से ऊपर लगाए जा रहे हैं। इन रिफ्लेक्टर की लग जाने पर कोई भी आसमान से पक्षी उक्त क्षेत्र में प्रवेश नहीं करेगा। डॉ संजीव ने बताया कि उक्त क्षेत्र का मुख्य द्वार पूरी तरह सील कर दिया गया है। वैज्ञानिक अधिकारियों व कर्मचारियों की एंट्री अब छोटे प्रवेश द्वार से पैदल केमिकल युक्त वाटर सोर्स से गुजरना होगा । उक्त क्षेत्र में कोई भी छोटा बड़ा वाहन नहीं जाएगा। उन्होने बताया कि तमाम पक्षी शोध के बाद क्रास ब्रीड से तैयार किए गए हैं ,उनका कहना है कि शैड के बाहर गड्ढों में पानी भरने से बाहरी पक्षी आसमान से पानी पीने के लिए नीचे आ सकते हैं ,उनसे इससे उनमें संक्रमण फैलने का अंदेशा है लिहाजा शैड के बाहर गड्ढों को मिटटी से पटवा दिया गया है। सड़क किनारे आने वाली पेड़ों की नीचे की टहनियों को भी कटवा दिया गया है, क्योंकि बाहरी पक्षियों के बैठने से उनकी बीट के सड़क पर गिरने से संक्रमण फैल सकता है। डा संजीव ने बताया कि सीएआरआई परिसर में चलने वाला मार्केटिंग सेंट्रल बाहर की तरफ खोल दिया गया है। खरीदार वही से अंडे और मीट खरीद रहे हैं. । उल्लेखनीय है कि सीएआ आई की बिकने वाले अंडे और मीट की बिक्री में कोई कमी नहीं हुई है। लेकिन उन्होंने यह भी उपभोक्ताओं को सलाह दी है कि अंडा और मीट को पूरी तरह उबाल कर ही खाएं।सं प्रदीपवार्ता