राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Jan 11 2021 11:07AM ऐतिहासिक नगरी कालपी को नजरअंदाज करता रहा है रोडवेजजालौन 11 जनवरी (वार्ता) कानपुर झांसी राजमार्ग के महत्वपूर्ण पड़ाव और धार्मिक,ऐतिहासिक पर्यटन नगरी कालपी को उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम द्वारा नजरअंदाज किये जाने से यहां के बाशिंदे खासे आहत है। महर्षि व्यास और कल्प मुनि की नगरी कालपी को पौराणिक पातालेश्वर मंदिर के कारण जालौन में उप काशी का दर्जा प्राप्त है। अंग्रेजी शासनकाल में गेट वे आफ वेस्ट इंडिया कहे जाने वाले कालपी में राजा अकबर के प्रमुख दरबारी बीरबल का किला,सूर्य मंदिर,कालपी से ग्वालियर तक की गुफा समेत अन्य ऐतिहासिक धरोहरों के लिये जाना जाता है। बावजूद इसके यह कस्बा पर्यटन क्षेत्र के नक्शे में कहीं नहीं है। इसके अलावा कालपी की पहचान लंबे समय तक कागज और कपड़ा उद्योग के कारण रही है। हालांकि परिवहन विभाग ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व के इस कस्बे को कोई तवज्जो नहीं देता। करीब एक लाख की आबादी का कस्बा होने के बावजूद यहां कोई बस अड्डा नहीं है और उस पर रोडवेज के बस चालक अपने वाहन को कस्बे के भीतर लाने में भी कोताही बरतते है और ओवर ब्रिज के ऊपर से निकाल कर ले जाते है। फलस्वरूप कालपी के यात्रियों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। पिछले साल 14 नवंबर से कालपी मे नवनिर्मित फोर लेन ओवर ब्रिज से वाहनों का आवागमन चालू किया गया था। ओवर ब्रिज के दोनों साइडो मे हाईवे की सर्विस लेन बनी हुई है। रोडवेज बसों के नियमनुसार सर्विस लेन से होकर निकलना चाहिए ताकि नगरीय क्षेत्र की सवारियां रोडवेज बसों के ठहरावों से उतर एवं बैठ सके लेकिन रोडवेज बसों के चालक मनमानी रवैये से ओवर ब्रिज के ऊपर से ही गाड़ियों को फर्राटा भरते हुए निकालकर कालपी नगरीय से निकाल ले जाते है। अब सवारियों को उतारने चढ़ाने के लिये दो ही पॉइंट है ओवर ब्रिज के शुरुआत मे या अंतिम छोर मे इससे यात्रियों को पैदल या टैक्सी का लम्बा सफर तय करना पड़ता है। वृद्ध, दिव्यांग और महिलाओं को खासकर रात के समय दुश्वारियों का सामना करना पड़ता है। उद्योग एवं व्यापार वन्धु की मासिक बैठक मे व्यापारी नेता राम प्रकाश पुरवार, उ.प्र हाथ कागज़ उत्पादन संघ के अध्यक्ष नरेंद्र तिवारी ने यह मामला उठाया था। मामले को संज्ञान मे लेकर जिलाधिकारी डॉ मन्नान अख्तर ने परिवहन निगम के अधिकारियों को निर्देश दिये थे लेकिन जिलाधिकारी के आदेश को परिवहन निगम के चालक परिचालक पर कोई असर नहीं पड़ रहा है। इस बात की जानकारी के लिए एआरएम उरई के सीयूजी नंबर पर फोन किया तो वह उठा ही नहीं।सं प्रदीपवार्ता