राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Jan 16 2021 9:39PM पीएफआई मामले के आरोपी रऊफ शेरिफ को अदालत में पुनः हाजिर होने का आदेशमथुरा,16 जनवरी (वार्ता) उत्तर प्रदेश की मथुरा जिले के अपर जिला सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार पाण्डे ने पापुलर फ्रन्ट आफ इंडिया (पीएफआई) के पांचवे मुलजिम रऊफ शेरिफ को अदालत में पुनः हाजिर होने का आदेश देते हुए इसके लिए एक फरवरी तिथि निर्धारित की है। जिला शासकीय अधिवक्ता क्राइम शिवराम सिंह ने बताया कि एसटीएफ के उपाधीक्षक राकेश कुमार पालीवाल के अवकाश में होने के कारण उनके सहयोगी सचिन ने आज अदालत में एक प्रार्थनापत्र देकर पीएफआई मामले के पांचवे अभियुक्त रऊफ शेरिफ को अदालत में पुनः हाजिर करने के लिए बी वारन्ट पुनः जारी करने का अनुरोध किया था जिसे विद्वान न्यायाधीश द्वारा स्वीकार कर लिया गया है। सिंह ने बताया कि एक जनवरी को एसटीएफ ने अदालत में प्रार्थना पत्र देकर अभियुक्त पीएफआई की विद्यार्थी शाखा के नेता रऊफ शेरिफ को अदालत में पूछतांछ के बी वारंट जारी करने का अनुरोध किया था तथा उनके ही अनुरोध पर इर्नाकुलम जेल में बन्द रऊफ शेरिफ को 15 जनवरी को अदालत में पेश करने के लिए बी वारन्ट के माध्यम से आदेश दिया था लेकिन 15 जनवरी को अदालत में न तो अभियुक्त रऊफ शेरिफ को पेश किया गया और न ही एसटीएफ का कोई सदस्य अदालत में हाजिर हुआ था। अदालत के नये आदेश में अभियुक्त रऊफ शेरिफ अब एक फरवरी को अदालत में पेश किया जाएगा। अभियुक्त रऊफ शेरिफ इर्नाकुलम जेल में बन्द है तथा उस पर हाथरस में बलात्कार के बाद एक युवती की मृत्यु के बाद माहौल बिगाड़ने के लिए धन बांटने का आरोप है। इस मामले में देशद्रोह जैसे गंभीर अपराधों में पांच अक्टूबर को मथुरा जिले के मांट थाने की पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये गए पीएफआई के सदस्यों अतीकुररहमानए मसूदए आलम एवं पत्रकार सिद्दीक कप्पन के साथ ही अभियुक्त रऊफ शेरिफ भी अब मुलजिम बन गए हैं । सरकारी अधिवक्ता ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय की ओर से उसके उप निदेशक विनय बालियान ने इसी अदालत में एक प्रार्थनापत्र दिया,जिसमें कहा गया था कि चूंकि जेल में बन्द अभियुक्तों अतीकुररहमानए मसूदए आलम एवं पत्रकार सिद्दीक कप्पन के बयानों में विरोधाभास है अतः उनसे पुनः पूछताछ किया जाना है इसके लिए उन्होंने अदालत की अनुमति चाही थी जिसे विद्वान न्यायाधीश ने स्वीकार कर लिया है। सं त्यागीवार्ता