राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Jan 16 2021 9:36PM पीएफआई के सदस्य को एक फरवरी में अदालत में पेश किया जायेगामथुरा 16 जनवरी (वार्ता) उत्तर प्रदेश में मथुरा की एक अदालत ने पापुलर फ्रन्ट आफ इंडिया (पीएफआई) के पांचवे मुलजिम रऊफ शेरिफ को अदालत में पुनः हाजिर होने का आदेश देते हुए एक फरवरी की तारीख निर्धारित की है। जिला शासकीय अधिवक्ता शिवराम सिंह ने बताया कि एसटीएफ के उपाधीक्षक राकेश कुमार पालीवाल के अवकाश में होने के कारण उनके सहयोगी सचिन ने शनिवार को अदालत में एक प्रार्थनापत्र देकर पीएफआई मामले के पांचवे अभियुक्त रऊफ शेरिफ को अदालत में पुनः हाजिर करने के लिए बी वारन्ट पुनः जारी करने का अनुरोध किया था जिसे अपर जिला सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार पाण्डे ने स्वीकार कर लिया है। उन्होने बताया कि एक जनवरी को एसटीएफ ने अदालत में प्रार्थना पत्र देकर पीएफआई की विद्यार्थी शाखा के नेता रऊफ शेरिफ को अदालत में पूछताछ के बी वारंट जारी करने का अनुरोध किया था तथा उनके ही अनुरोध पर इर्नाकुलम जेल में बन्द रऊफ शेरिफ को 15 जनवरी को अदालत में पेश करने के लिए बी वारन्ट के माध्यम से आदेश दिया था हालांकि 15 जनवरी को अदालत में न तो अभियुक्त रऊफ शेरिफ को पेश किया गया और ना ही एसटीएफ का कोई सदस्य अदालत में हाजिर हुआ था। जज के नये आदेश में अभियुक्त रऊफ शेरिफ अब 1 फरवरी को अदालत में पेश किया जाएगा। रऊफ शेरिफ इर्नाकुलम जेल में बन्द है तथा उस पर हाथरस में बलात्कार के बाद एक महिला की मृत्यु के बाद वातावरण को खराब करने के लिए धन बांटने का आरोप है। इस मामले में देशद्रोह जैसे गंभीर अपराधों में पांच अक्टूबर को मथुरा जिले के मांट थाने की पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये गए पीएफआई के सदस्यों अतीकुररहमान, मसूद, आलम एवं पत्रकार सिद्दीक कप्पन के साथ ही अभियुक्त रऊफ शेरिफ भी अब मुलजिम बन गया हैं। श्री सिंह ने बताया कि आज ही प्रवर्तन निदेशालय की ओर से उसके उप निदेशक विनय बालियान ने इसी अदालत में एक प्रार्थनापत्र दिया था जिसमें कहा गया था कि चूंकि जेल में बन्द अभियुक्तों अतीकुररहमान, मसूद, आलम एवं पत्रकार सिद्दीक कप्पन के बयानों में विरोधाभास है अतः उनसे पुनः पूछताछ किया जाना है इसके लिए उन्होंने अदालत की अनुमति चाही थी जिसे विद्वान न्यायाधीश ने स्वीकार कर लिया है।सं प्रदीपवार्ता