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भ्रष्टाचार करने के आरोपी पुलिसकर्मियो के निलंबन पर लगाई रोक

प्रयागराज, 22 जनवरी (वार्ता) इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने लाखों रूपये का हेराफेरी कर भ्रष्टाचार करने के आरोपी गाजियाबाद में तैनात पुलिसकर्मियो के निलंबन पर रोक लगा दी है ।
इन याची पुलिसकर्मियो पर आरोप है कि इन्होंने एटीएम लूट कांड के आरोपी अभियुक्त राजीव सचान एवं आमिर को गिरफ्तार कर उनसे लूट के 45 लाख 81 हज़ार 500 की बरामदगी होना बताया था जबकि अभियुक्तों ने कहा था कि उनसे एक करोड़ 20 लाख रूपए पुलिस ने बरामद किया था।
अभियुक्तों के बयान के बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) गाजियाबाद ने इंस्पेक्टर लक्ष्मी सिंह चौहान समेत छह अन्य पुलिस कर्मियों को 25 सितम्बर 2019 को यूपी अधीनस्थ श्रेणी के पुलिस अधिकारियों की (दंड एवं अपील) नियमावली 1991 के नियम 17 (1) (क) के प्रावधानों के तहत निलम्बित कर दिया था तथा इस दौरान उन्हें गाजियाबाद पुलिस लाइन्स में सम्बद्ध कर दिया गया था ।
याचीगण के निलंबन आदेश को चुनौती देते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम का तर्क था कि निलंबन आदेश नियम व कानून के विरूद्ध है। अधिवक्ता का कहना था कि निलंबन आदेश पारित करते समय सक्षम अधिकारी के समक्ष कोई मैटेरियल नहीं था । कहा गया कि निलंबन आदेश सच्चिदानंद त्रिपाठी केस में उच्च न्यायालय द्वारा दी गई विधि व्यवस्था के विरूद्ध है ।
न्यायाधीश यशवंत वर्मा एवं न्यायाधीश अजय भनोट ने कान्सटेबिल सौरभ शर्मा, सचिन कुमार एवं धीरज भारद्वाज द्वारा दाखिल अलग-अलग याचिकाओं पर यह आदेश पारित किया। इन पुलिस कर्मियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा भी पंजीकृत है और इन्हें जेल भी भेज दिया गया था । बाद में इन्हें उच्च न्यायालय से जमानत पर रिहा किया गया है।
सं दिनेश त्यागी
वार्ता
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