राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Jan 25 2021 6:56PM उच्च न्यायालय में धर्मांतरण विरोधी कानून की वैधता पर सुनवाई 2फरवरी कोप्रयागराज 25 जनवरी (वार्ता) पहचान बदलकर लव जेहाद के जरिये धर्मान्तरण प्रतिबंधित करने के प्रदेश में बने कानून की वैधता की चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई अब 2फरवरी को होगी। सभी याचिकाओं की एक साथ सुनवाई की अर्जी सुप्रीम कोर्ट में लंबित होने के कारण कोर्ट ने यह आदेश दिया है। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर तथा न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा की खंडपीठ ने दिया है। कोर्ट को बताया गया कि सभी याचिकाओं को स्थानान्तरित कर एक साथ सुने जाने की अर्जी सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गयी है। जिसकी शीघ्र सुनवाई होगी। इसलिए अर्जी तय होने तक सुनवाई स्थगित की जाय।जिस पर कोर्ट ने सुनवाई स्थगित कर दी। राज्य सरकार की तरफ से याचिका पर जवाबी हलफनामा दाखिल किया जा चुका है।याचिकाओं में धर्मांतरण विरोधी अध्यादेश को संविधान के खिलाफ और गैर जरूरी बताते हुए चुनौती दी गई है।याची का कहना है कि यह कानून व्यक्ति के अपनी पसंद व शर्तों पर किसी भी व्यक्ति के साथ रहने व धर्म/पंथ अपनाने के मूल अधिकारों का उल्लंघन करता है। इसे रद्द किया जाय। क्योकि इस कानून का दुरूपयोग किया जा सकता है। राज्य सरकार का कहना है कि शादी के लिए धर्म परिवर्तन से कानून व्यवस्था व सामाजिक स्थिति खराब न हो इसके लिए कानून लाया गया है। जो पूरी तरह से संविधान सम्मत है। इससे किसी के मूल अधिकारों का हनन नही होता।वरन नागरिक अधिकारों को संरक्षण प्रदान किया गया है। इससे छल-छद्म के जरिये धर्मान्तरण पर रोक लगाने की व्यवस्था की गयी है।सं विनोद वार्ता