राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Feb 2 2021 8:17PM धर्मांतरण कानून की वैधता मामले की सुनवाई 24 फरवरी कोप्रयागराज 02 फरवरी (वार्ता) इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने धर्मांतरण कानून के खिलाफ जनहित याचिका पर पक्ष रखने के लिए याची और सरकार को सुनवाई के लिए 24 फरवरी का समय दिया है। याचिकाकर्ता वकीलों की तरफ से समय की मांग की गई थी । यह आदेश न्यायमूर्ति संजय यादव तथा न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की खंडपीठ ने दिया है। उच्चतम न्यायालय द्वारा सभी याचिकाओं को स्थानान्तरित कर एक साथ सुने जाने की राज्य सरकार की मांग अस्वीकार कर दिए जाने के बाद आज इस मामले की सुनवाई होनी थी । याचिका में पक्ष रखने के लिए याची के वकीलों की तरफ से समय मांगा गया । जिस पर सुनवाई स्थगित कर दी गयी है। सरकार पहले ही जवाबी हलफनामा दाखिल कर चुकी है। याचिकाओं में धर्मांतरण विरोधी अध्यादेश को संविधान के खिलाफ और गैर जरूरी बताते हुए चुनौती दी गई है। याची का कहना है कि यह कानून व्यक्ति के अपनी पसंद व शर्तों पर किसी भी व्यक्ति के साथ रहने व धर्म/पंथ अपनाने के मूल अधिकारों का उल्लंघन करता है। राज्य सरकार का कहना है कि शादी के लिए धर्म परिवर्तन से कानून व्यवस्था व सामाजिक स्थिति खराब हो रही थी। जिस पर रोक लगाया जाना सामाजिक ताने-बाने को सही रखने के लिए जरूरी है। यह पूरी तरह से संविधान सम्मत है। इससे किसी के मूल अधिकारों का हनन नहीं होता है।सं प्रदीपवार्ता